अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 2014 के बाद सबसे उच्चतम स्तर है। वहीं दुनिया के लगभग सभी देशों में पेट्रोल डीजल की कीमतों में बड़ा इजाफा हुआ है। भारत की बात करें तो पिछले चार महीने नवंबर बाद से पेट्रोल डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है जबकि इस दौरान दुनिया में कच्चे तेल की कीमत में 68 फीसदी तक का उछाल देखा गया है। आइए जानते हैं कैसे भारत में पेट्रोल डीजल की कीमत को तय किया जाता है। बता दें पेट्रोल डीजल की मूल्य गणना दिल्ली उपराज्य को आधार बनाकर की गई है।
पेट्रोल मूल्य गणना (Petrol Price Calculation) : दिल्ली में मिलने वाले पेट्रोल की वास्तविक लागत कच्चे तेल को शुद्ध करने के बाद 48.21 रुपए प्रति लीटर है। आगे इसमें केंद्र सरकार द्वारा लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस जो लगभग 27.9 रुपए के आसपास होता है उसे जोड़ दिया जाता है इसके बाद 3.8 प्रति लीटर पेट्रोल पंप मालिकों को कमीशन दिया जाता है। यहां तक 48.21 रुपए प्रति लीटर वाला पेट्रोल सब कुछ जोड़ने के बाद 79.91 रुपए प्रति लीटर हो चुका है।
अंत में दिल्ली सरकार द्वारा पेट्रोल पर 19.4 फीसदी या 15.5 रुपए (यह राज्यवार अलग-अलग होता है) का वैट लगाया जाता है। इसके बाद यह पेट्रोल 95.41 प्रति लीटर के हिसाब से आपकी कार और बाइक की टंकी तक पहुंचता है।
डीजल मूल्य गणना (Diesel Price Calculation): कच्चे तेल को शुद्ध करने के बाद दिल्ली में बिक्री के लिए उपलब्ध डीजल की वास्तविक लागत 50.09 रुपए है। इस पर केंद्र सरकार के द्वारा 21.8 रुपए की एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस लगाया जाता है। फिर पेट्रोल पंप मालिकों को 2.6 रुपए का कमीशन दिया जाता है। यहां तक डीजल की कीमत 74.49 रुपए हो चुकी है। इसके बाद दिल्ली सरकार के द्वारा डीजल पर 12.18 रुपए या 16.75 फीसदी (यह राज्यवार अलग-अलग होता है) का वैट लगाया जाता है जिसके बाद डीजल 86.67 रुपए हो जाती है।
जानकारों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में वृद्धि होने के चलते देश में पेट्रोल डीजल की कीमत में 12-15 रुपए का इजाफा हो सकता है।