सोमवार को देश के बड़े बिजनेस समूहों में से एक एचडीएफसी की दो कंपनियों एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) ने विलय (Merger) का ऐलान कर दिया। इस विलय को भारत के फाइनेंसियल सेक्टर का अब तक का सबसे बड़ा विलय माना जा रहा है। एचडीएफसी बैंक की ओर से बाजार नियामक (Market Regulator) की दी गई सूचना के मुताबिक दोनों कंपनियों के विलय की प्रक्रिया अगले 18 महीनों में पूरी कर ली जाएगी।
क्या है विलय की योजना?: एचडीएफसी लिमिटेड देश की सबसे बड़ी होम लोन वितरण करने वाली कंपनी है, जिसका संपत्ति प्रबंधन (Assets Under Management) करीब 5.26 लाख करोड़ रुपए है जबकि कंपनी का बाजार पूंजीकरण करीब 4.44 लाख करोड़ रुपए है। इसका विलय देश के प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक से कर दिया जाएगा। इसके साथ ही एचडीएफसी लिमिटेड की सभी सहायक कंपनियां भी एचडीएफसी को हस्तांतरित कर दी जाएंगी। एचडीएफसी का बाज़ार पूंजीकरण करीब 8.35 लाख करोड़ रुपए है।
ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर: विलय पर एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारीख ने कहा कि इससे हम कृषि, होम लोन और अन्य क्षेत्रोँ में अधिक किफायती दर से लोन उपलब्ध करा पाएंगे।
एचडीएफसी लिमिटेड शेयरधारकों को होगा लाभ: इस विलय में एचडीएफसी लिमिटेड शेयरधारकों को 25 शेयर के बदले 42 एचडीएफसी बैंक के शेयर मिलेंगे जबकि इस विलय के बाद एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी लिमिटेड के शेयरधारकों को 41 फीसदी हिस्सेदारी मिलेंगी।
विलय का फायदा क्या होगा?: एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd) के बाद कंपनी की परिचालन लगात में कमी आयगी। इसके साथ यह कंपनी को अब शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में तेजी के साथ विस्तार करने में मदद करेगा। वहीं, विलय के बाद बाजार पूंजीकरण के हिसाब से एचडीएफसी बैंक टीसीएस को पछाड़कर रिलायंस के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन सकती है।
शेयरों ने भारी उछाल: विलय की खबर के बाद एचडीएफसी समूह के सभी कंपनियों में जोरदार तेजी देखने को मिली। बाजार में 12:44 PM पर एचडीएफसी बैंक 8.21 फीसदी, एचडीएफसी लिमिटेड 7.48 फीसदी और एचडीएफसी लाइफ 3.72 फीसदी चढ़कर कारोबार कर रहे थे।
