कोरोना वायरस के चलते थमी आर्थिक गतिविधियां अब भी पहले की तरह चालू नहीं हो सकी हैं। इसका असर जीएसटी कलेक्शन पर भी देखने को मिल रहा है। सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अगस्त माह का जीएसटी कलेक्शन 86,449 करोड़ रुपए रहा, जो जुलाई के जीएसटी कलेक्शन 87,422 करोड़ से थोड़ा कम है। वहीं पिछले साल अगस्त से तुलना करें तो कलेक्शन में 12 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। पिछले साल अगस्त में जीएसटी कलेक्शन 98,202 करोड़ रुपए रहा था। इस दौरान सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) के माध्यम से 15,906 करोड़ रूपयों का कलेक्शन हुआ, वहीं स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स से 21,064 करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ।

सरकार की ओर से बताया गया कि अगस्त माह में इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स के माध्यम से 42,264 करोड़ रूपए एकत्रित हुए, जिनमें 19,179 करोड रुपए चीज़ों के आयात पर टैक्स से कलेक्ट किए गए। इस दौरान टोटल सेस कलेक्शन 7,215 करोड़ रुपए रहा, जिसमें 673 करोड़ रूपए आयातित चीजों पर सेस से कलेक्ट हुए। सरकार ने कहा रेगुलर सेटलमेंट के माध्यम से IGST में से 18,216 करोड़ रुपए CGST और 14,650 करोड़ SGST के लिए आवंटित किए हैं।

इसके अलावा इस रिलीज में यह भी कहा गया रेगुलर सेटलमेंट के बाद अगस्त में केंद्र सरकार ने सीजीएसटी से 34,122 करोड़ रुपए और राज्य सरकारों ने एसजीएसटी से 35,712 करोड़ का राजस्व अर्जित किया। वैसे तो जीएसटी कलेक्शन पिछले एक साल से लगातार घट रहा है पर कोरोनावायरस के फैलने के बाद से मौजूदा वित्त वर्ष में पिछले साल के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई है। कोरोनावायरस को रोकने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन में सभी इकॉनामिक एक्टिविटीज बंद हो गई थी, जिससे जीएसटी कलेक्शन में भारी कमी आई। इससे पहले जीएसटी रिवेन्यू अप्रैल में 32,172 करोड़, मई में 62,151 करोड़, जून में 90,917 करोड़ और जुलाई में 87,422 करोड़ रहा।

जुलाई और अगस्त में जून के मुकाबले जीएसटी कलेक्शन घटना चिंता का विषय है क्योंकि इन दोनों ही महीनों में लॉकडाउन में बड़े पैमाने पर रियायतें दी गई थीं। साफ है कि लॉकडाउन के बाद अब अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है, जिसका असर जीएसटी कलेक्शन में लगातार गिरावट के तौर पर देखने को मिल रहा है।