मांग-आपूर्ति का अंतर और बढ़ने की संभावना के मद्देनजर सरकार कीमतों पर अंकुश लगाने के इरादे से दालों का और आयात करने पर विचार कर रही है। इस समय भी दालों के दाम 180 रुपए प्रति किलो तक की ऊंचाई पर चल रहे हैं।
अभी तक एमएमटीसी ने सरकार की ओर से 5,000 टन तुअर दाल का आयात किया है। यह स्टाक दिल्ली सहित कुछ अन्य राज्यों को सबसिडी वाली दरों पर दिया गया है। जिससे खुले बाजार में इसकी बिक्री की जा सके। मानसून कमजोर रहने की वजह से फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई-जून) के दौरान दालों के घरेलू उत्पादन में 20 लाख टन की कमी आई है।
वित्त, खाद्य व उपभोक्ता मामले, कृषि व वाणिज्य मंत्रालयों के सचिवों की मंगलवार को हुई बैठक में दालों और अन्य आवश्यक वस्तुआें की उपलब्धता व कीमत की स्थिति पर विचार विमर्श हुआ। इस बैठक में समिति ने दालों का और आयात करने का फैसला किया।
सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा आयातित दालों की मात्रा की निगरानी का भी फैसला किया गया। बैठक में यह तय किया गया कि वाणिज्य और उपभोक्ता मामलों के सचिव निजी व्यापारियों के साथ सार्वजनिक उपक्रमों से अलग-अलग बैठकें करेंगे। जिससे आगामी महीनों में दालों के आयात की योजना बनाई जा सके।