GST से सरकार को साल-दर-साल लाभ हो रहा है, पिछले साल के अगस्‍त माह से साल 2022 के अगस्‍त महीने तक जीएसटी का कलेक्‍शन 28 प्रतिशत बढ़ गया है। केंद्र ने एक साल के दौरान 1,43,612 करोड़ रुपए की कमाई की है। इसमें CGST 24,710 करोड़ रुपए तो SGST- 30,951 करोड़ रुपए शामिल है।

इसके साथ ही IGST- 77,782 करोड़ रुपए है, जिसमें 42,067 करोड़ रुपए के समानों का इंपोर्ट भी शामिल है और सेस 10,168 करोड़, जिसमें 1,018 करोड़ रुपए का इंपोर्ट है। अगस्त 2022 के महीने के लिए राजस्व पिछले वर्ष के इसी महीने में 1,12,020 करोड़ रुपए के जीएसटी राजस्व से 28 प्रतिशत अधिक है।

पिछले छह महीने से हर माह जीएसटी का कलेक्‍शन 1.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो रहा है। केंद्र सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया कि GST रिवेन्‍यू पिछले साल से अभी तक के लिए 33 प्रतिशत उछाल दर्ज की है। यह साल-दर-साल ग्रोथ कर रहा है। इसका असर आर्थिक सुधार के साथ बेहतर रिपोर्टिंग का लगातार जीएसटी राजस्व पर पॉजिटिव इंपैक्‍ट पड़ा है।

अगस्त में, सरकार ने IGST से ​​29,524 करोड़ रुपए, CGST 25,119 करोड़ रुपए और SGST का भुगतान किया है। नियमित निपटान के बाद अगस्त 2022 के महीने में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 54,234 करोड़ रुपए और एसजीएसटी के लिए 56,070 करोड़ रुपए है। महीने के दौरान, वस्‍तुओ के इंपोर्ट से राजस्व 57 प्रतिशत अधिक था और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान इन सोर्स से प्राप्त राजस्व की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है।

बुधवार को जारी आंकड़ों से पता चला है कि अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में साल-दर-साल 13.5 प्रतिशत का विस्तार हुआ, जो एक साल में सबसे तेज गति है। वहीं अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में विकास दर में कमी आएगी, क्योंकि उच्च ब्याज दरें और वैश्विक मंदी घरेलू आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव डालेंगी।

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मई से अपनी बेंचमार्क रेपो दर में 140 आधार अंकों की वृद्धि की है, जिसमें पिछले महीने 50 आधार अंक शामिल हैं। वहीं मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के विकास को लेकर कटौती की है, जब उसने 2022 में अपने पूर्वानुमान को 7.7% तक कम कर दिया और 2023 में इसे और कम करके 5.2 प्रतिशत कर दिया।

मार्च में, मूडीज ने अनुमान लगाया था कि भारत की अर्थव्यवस्था 2022 में 8.8 प्रतिशत पर विस्तार कर सकती है। मूडीज का अनुमान है कि बढ़ती ब्याज दरें, असमानता और धीमी वैश्विक वृद्धि भारत की आर्थिक गति को प्रभावित कर सकती है।