लोगों को पर्सनल लोन प्रोवाइड कराने वाले 2000 ऐप को भारत में ब्‍लॉक कर दिया गया है। Google ने जनवरी से जुलाई के दौरान 2000 ऐप को प्‍ले स्टोर से ब्‍लॉक किया है, क्‍योंकि यह गूगल के पॉलिसी का पालन नहीं कर रहे थे। गूगल एशिया-पैसिफिक के सीनियर डायरेक्टर और हेड ऑफ ट्रस्ट एंड सेफ्टी सैकत मित्रा ने कहा कि लोन देने वाले 50 प्रतिशत ऐप को प्‍ले स्‍टोर से हटाया गया है।

मित्रा ने कहा कि कंपनी प्ले स्टोर पर खराब ऐप के पहचानने और दंडित करने के लिए कई तकनीकों को डेवलप कर रही है। साथ ही सरकारी एजेंसियों, मीडिया और उपयोगकर्ता रेफरल जैसे कई हितधारकों के साथ काम भी कर रही है। उन्‍होंने कहा कि ऐसी समस्‍या की जानकारी इंडोनेशिया में आसानी से हो जाती हैं, क्‍योंकि वहां सरकार द्वारा प्रमाणित किए हुए ऐप्‍स से ही लोन दिया जाता है।

गूगल ने कहा कि लोन प्रोवाइड कराने वाले ऐप्‍स लोन के नाम पर ठगी करने वाले ऐप्‍स से नहीं जुड़े थे। हालांकि इस मुद्दे ने सरकारी एजेंसियों और केंद्रीय बैंक को पिछले एक साल में मानदंडों को कड़ा करने के लिए मजबूर किया है। टेक दिग्गज ने यह भी कहा कि यह कहा नहीं जा सकता है कि रिस्ट्रिक्‍ट लोन ऐप्‍स या उनके डेवलपर्स चीन से हैं या नहीं।

इसके अलावा 100 अन्‍य ऐप्‍स को भी प्रतिबंधित किया गया है। Google India ने कहा था कि उसने सैकड़ों व्यक्तिगत लोन ऐप्स की समीक्षा की है और जो यूजर्स सुरक्षा नीतियों का उल्लंघन करते पाए गए थे, उन्हें तुरंत इसके प्ले स्टोर से हटा दिया गया था। इन ऐप्स के लिए फंडिंग और उत्पत्ति का पता चीन में लगाया गया है और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ), इंटेलिजेंस ब्यूरो और यहां तक ​​​​कि रॉ द्वारा भी जांच की गई है।

हाल ही में एक जांच में, News18 ने बताया कि ऐप पंजीकृत फिनटेक कंपनियों द्वारा समर्थित हैं और इनकी संख्या 100 है। इनमें से कई मामलों में, सैकड़ों कंपनियां दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु के आवासीय क्षेत्रों में एक ही पते से संचालित होती पाई गईं हैं।