देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए गुड न्यूज है। सरकार ने महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी के बाद अब केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत बड़े सुधार किए हैं। सरकार ने 3 अक्टूबर को लगभग 2,000 चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए संशोधित पैकेज दरों की घोषणा की। ये बदलाव 13 अक्टूबर, 2025 से लागू होंगे।
यह पिछले 15 वर्षों में सबसे बड़ा संशोधन है। अब तक, पुरानी दरें न केवल कर्मचारियों के लिए, बल्कि अस्पतालों के लिए भी मुश्किलें खड़ी करती थीं।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की एक बड़ी शिकायत यह थी कि CGHS-लिस्टेड अस्पताल अक्सर कैशलेस इलाज देने से इनकार कर देते थे। मरीजों को इलाज के लिए अपनी जेब से बड़ी रकम चुकानी पड़ती थी और फिर उन्हें प्रतिपूर्ति के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था।
अस्पतालों का तर्क था कि सरकार द्वारा निर्धारित पैकेज दरें पुरानी और कम थीं। इसके अलावा, उन्हें समय पर भुगतान नहीं मिलता था। इस वजह से, अस्पताल अक्सर लाभार्थियों को कैशलेस सेवाएं देने से बचते थे।
अगस्त 2025 में, GENC (केंद्र सरकार के कर्मचारियों के राष्ट्रीय संघ) ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया था कि कैशलेस सेवाओं की कमी के कारण कर्मचारियों और पेंशनभोगियों, दोनों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें अक्सर आपात स्थिति में भी इलाज से वंचित रखा जाता है।
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नए सुधार में क्या है शामिल?
अब सरकार ने करीब 2,000 चिकित्सा प्रक्रियाओं के लिए नई दरें निर्धारित की हैं। ये दरें शहर की श्रेणी (टियर-I, टियर-II, टियर-III) और अस्पताल की गुणवत्ता (जैसे NABH मान्यता) पर आधारित हैं।
– टियर-II शहरों में पैकेज दरें आधार दर से 19% कम होंगी।
– टियर-III शहरों में पैकेज दरें आधार दर से 20% कम होंगी।
– NABH-मान्यता प्राप्त अस्पताल आधार दर पर सेवाएं प्रदान करेंगे।
– गैर-NABH अस्पतालों को 15% कम दरें मिलेंगी।
– 200 से अधिक बिस्तरों वाले सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों को 15% अधिक दरें मिलेंगी।
कर्मचारियों को क्या होगा लाभ?
– कैशलेस इलाज आसान हो जाएगा
– अब अस्पतालों को पैकेज दरें व्यावहारिक लगेंगी, जिससे वे बिना किसी हिचकिचाहट के सीजीएचएस कार्डधारकों को कैशलेस सेवाएं प्रदान कर सकेंगे।
– जेब से खर्च करने की बाध्यता कम होगी
– कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी रकम पहले ही चुकाने की जरूरत कम होगी।
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पहले भी हुए हैं छोटे-मोटे सुधार
– अप्रैल 2023 में, आईसीयू, कमरे के किराए और परामर्श शुल्क की दरों में आंशिक संशोधन किया गया।
– 2024 में न्यूरो-इम्प्लांट और कुछ शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं की दरों में संशोधन किया गया।