केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (CGSE) शुरू करने की मंजूरी दी। इसका उद्देश्य MSME सहित पात्र निर्यातकों को 20000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं प्रदान करने के लिए एनसीजीटीसी द्वारा सदस्य ऋण संस्थानों (MLI) को 100% ऋण गारंटी कवरेज प्रदान करना है।

यह योजना वित्तीय सेवा विभाग (DFS) NCGTC के जरिए क्रियान्वित कर रहा है ताकि एमएसएमई सहित पात्र निर्यातकों को संबंधित वित्तीय संस्थान अतिरिक्त ऋण सहायता प्रदान कर सके। योजना की प्रगति और कार्यान्वयन की निगरानी के लिए डीएफएस सचिव की अध्यक्षता में एक प्रबंधन समिति गठित की जाएगी।

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सरकार जल्द ही 2,000 करोड़ रुपये आवंटित

सरकार जल्द ही निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (Credit Guarantee Scheme) को लेकर 2,000 करोड़ रुपये आवंटित करेगी। भाषा ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) को पात्र निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपये तक की ऋण सुविधाएं प्रदान करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।

सूत्रों के मुताबिक, कंपनी के पास पहले से ही कुछ राशि उपलब्ध है। संसद के अनुदानों को मंजूरी दिए जाने के बाद अनुदानों की अनुपूरक मांगों के जरिए राशि प्रदान की जा सकती है।

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भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ

निर्यात भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। इसका 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 21% और विदेशी मुद्रा भंडार में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। निर्यात-उन्मुख उद्योग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 4.5 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं और MSME कुल निर्यात में लगभग 45% का योगदान करते हैं। निरंतर निर्यात वृद्धि भारत के चालू खाता शेष और व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में सहायक रही है।

निर्यातकों को अपने बाजारों में विविधता लाने और भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए बढ़ी हुई वित्तीय सहायता और पर्याप्त समय प्रदान करना महत्वपूर्ण है। ऐसे में, अतिरिक्त नकदी सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय सरकारी हस्तक्षेप से व्यावसायिक वृद्धि सुनिश्चित होगी और बाजारों का विस्तार भी संभव होगा।

भाषा के इनपुट के साथ