केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि देश की सबसे बड़ी खनन कंपनी कोल इंडिया ने खदान दुर्घटना की स्थिति में श्रमिकों की अनुग्रह राशि को मौजूदा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का फैसला किया है। इसके अलावा एक ऐतिहासिक कदम के तहत कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) देश की आजादी के बाद पहली बार चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सहित अपने सभी कर्मचारियों के लिए वर्दी लागू करेगी।
जी किशन रेड्डी ने रांची में मीडिया से बातचीत में कहा, ”कोल इंडिया ने 17 सितंबर से श्रमिकों की अनुग्रह राशि (खदान दुर्घटना की स्थिति में) को मौजूदा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का फैसला किया है। इस दिन विश्वकर्मा दिवस है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन भी है।”
उन्होंने कहा, ”एक और बड़े फैसले के तहत कोल इंडिया ने अनुशासन और एकता की संस्कृति सुनिश्चित करने के लिए आजादी के बाद पहली बार 17 सितंबर से अपने सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों, अधिकारियों और सीएमडी (चेयरमैन और प्रबंध निदेशक) के साथ ही एमडीओ (खान विकासकर्ता और परिचालक) के कर्मचारियों के लिए वर्दी लागू करने का फैसला किया है।”
संविदा कर्मचारियों के लिए 40 लाख रुपये का अतिरिक्त (दुर्घटना) बीमा भी देगी कोल इंडिया
इस अवसर पर कोल इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी एम प्रसाद भी उपस्थित थे। रेड्डी ने कहा कि कोल इंडिया 17 सितंबर से अपने कर्मचारियों के लिए एक करोड़ रुपये और संविदा कर्मचारियों के लिए 40 लाख रुपये का अतिरिक्त (दुर्घटना) बीमा भी देगी।
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मंत्री ने कहा कि भारत कोयले के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए प्रतिबद्ध है, और सरकार ने पिछले साल इस कोयले के आयात में कटौती करके 60,000 करोड़ रुपये की बचत की है। उन्होंने कहा कि सरकार कोयला क्षेत्र में और अधिक सुधारों के लिए भी प्रतिबद्ध है, साथ ही कारोबारी सुगमता और ब्लॉक नीलामी में पारदर्शिता लाने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।
जी किशन रेड्डी ने कहा, ”महत्वपूर्ण खनिजों की खोज के लिए सरकार 32,000 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन को लागू कर रही है।” उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ”अब तक हमने अर्जेंटीना और जाम्बिया में खोज कार्य शुरू कर दिए हैं।”
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