भारत में सोने को लेकर हमेशा से आकर्षण रहा है। शादी में गहने बनवाने, अक्षय तृतीय में खरीददारी से लेकर सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की हमेशा से बड़ी मांग रही है। हालांकि इस साल अप्रैल के महीने भारत में सोना माटी होता नजर आय़ा है। अप्रैल में बीते साल के मुकाबले सोने के आयात में 99.9 फीसदी की कमी आई है। देश में महज 50 किलोग्राम सोने का ही आयात किया गया है। एक सरकारी सूत्र ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि विमान सेवाओं के ठप होने और लॉकडाउन के चलते देश भर में ज्वैलरी की दुकानों के बंद होने के चलते यह हालात पैदा हुए हैं।

किसी भी दौर में सबसे सुरक्षित निवेश के तौर पर पहचान रखने वाले सोने के आयात में कमी बताती है कि देश में कोरोना के संकट की वजह से खर्च करने का पैटर्न बदला है। भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है, लेकिन अप्रैल में महज 50 किलो सोने का ही इंपोर्ट हुआ। बीते साल इसी महीने में 110.18 टन सोने का आयात किया गया था।

सरकारी सूत्र ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि कीमतों के आधार पर देखें तो अप्रैल में सिर्फ 2.84 मिलियन डॉलर सोने का ही आयात किया गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 3.97 अरब डॉलर का था। फिलहाल देश के खुदरा बाजार में 22 कैरेट सोने की कीमत 44,560 रुपये है।

शादियों के टलने से भी घट गई मांग: दरअसल लॉकडाउन के चलते शादियों के आयोजन को लेकर भी कड़े नियम हैं। ऐसे में ज्यादातर लोगों ने अपनी शादियों को आगे के लिए टाल दिया है। इसके चलते घरेलू जरूरतों के लिए सोने की मांग में कमी आई है। हालांकि शेयर बाजार में गिरावट को देखते हुए निवेशकों का एक तबका सोने में पैसा लगाने की ओर मुखातिब हुआ है। इसके चलते ही सोने के दामों में बहुत ज्यादा गिरावट की स्थिति नहीं आई है।

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