वैश्विक स्तर पर इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 2015 में 30 करोड़ बढ़कर 3.2 अरब हो गई जो आंशिक तौर पर सस्ती दर पर इंटरनेट की उपलब्धता और वैश्विक आय में बढ़ोतरी के मद्देनजर हुआ। यह बात सोशल मीडिया क्षेत्र की प्रमुख कंपनी फेसबुक ने कही।

वैश्विक स्तर पर इंटरनेट के प्रसार पर ‘इंटरनेट संपर्क की स्थिति 2015’ रपट में कहा गया- 2014 के अंत तक वैश्विक स्तर पर 2.9 अरब इंटरनेट उपयोक्ता थे। 2015 के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 3.2 अरब पर पहुंच जाने का अनुमान जताया गया था जो विश्व की कुल आबादी का 43 फीसद है। इंटरनेट ने कहा- 2014 के दौरान इंटरनेट की सस्ती दर और वैश्विक आय में बढ़ोतरी से और 50 करोड़ लोगों के लिए 500 एमबी मोबाइल इंटरनेट डाटा सस्ता हो गया।

रपट में कहा गया कि 1.6 अरब लोग मोबाइल ब्राडबैंड के दायरे से बाहर हैं जो 2014 के मुकाबले बेहतर स्थिति है जब दो अरब लोग इस दायरे से बाहर थे। रपट के मुताबिक- ज्यादातर लोग मोबाइल उपकरण के जरिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं जो विश्व के कुछ इलाकों में इंटरनेट से जुड़ने का एकमात्र तरीका है। 2015 में करीब 2.7 अरब लोगों के पास मोबाइल फोन कनेक्शन नहीं रहा। इस प्रगति के बावजूद जहां तक इंटरनेट संपर्क का सवाल है विकासशील देश काफी पीछे हैं। अगर शहरी क्षेत्र जुड़े हैं तो कई ग्रामीण क्षेत्र इससे दूर हैं।

अमेरिका मुख्यालय वाली कंपनी ने कहा- कई देशों में महिलाएं, पुरुषों के मुकाबले काफी कम इंटरनेट का उपयोग करती हैं। अगर पूरी दुनिया आवश्यक बुनियादी ढांचे के दायरे में रहे तब भी करीब एक अरब की आबादी अशिक्षित है या अन्य वजहों से आनलाईन सामग्री का फायदा उठाने में असमर्थ है।