दिल्ली के प्रगति मैदान में ट्रेड फेयर का आयोजन हो रहा है। साथ ही छठ पूजा भी मनाई जा रही है। छठ पूजा पूर्वांचलियों के लिए आस्था का प्रतीक है। यही वजह है कि रविवार को पूरी दिल्ली छठ पूजा के महापर्व में रंगी दिखाई दी। ऐसे में भारतीय अंतरर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (Trade Fair) कैसे अछूता रह जाता। लेकिन छठ पूजा के महत्व और इसकी कथा शायद बहुत कम लोगों को मालूम हो। यदि आपको इसकी जानकारी नहीं है तो ट्रेड फेयर की एक साड़ी पूरी कथा जानने के लिए काफी रहेगी।

बिहार सरकार की योजना से अपना स्टार्टअप शुरू करने वाली आशा झा व उनकी बेटी प्रीति चंदन ने बताया कि भागलपुरी हाथ से बुने कपड़े पर हम मधुबनी पेंटिंग के जरिए पौराणिक कथाओं को चित्रों के माध्यम से बताते हैं जैसा कि छठ पूजा की साड़ी में दिखाया गया है। इस साड़ी का दाम करीब 6900 रुपये रखा गया है। आशा झा को विष्णु अवतार यानि मत्स्य अवतार पर राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। उनके यहां महाभारत, रामायण सहित कई कथाओं पर आधारित साडियां मौजूद हैं। इसी तरह बिहार पवेलियन में ही स्टार्टअप के तहत बिहार के गया से आई कुंदन जूट से डिजाइनर कपड़े तैयार कर रही हैं। खासकर ये कपड़े सर्दियों में पहने जा सकते हैं।

उल्कापिंड से बना लाकेट

दिल्ली पवेलियन में इस बार कौतूहल का विषय बना हुआ है उल्कापिंड से बना लाकेट। मुखर्जी नगर के सुनील ने कहा कि ये पत्थर महाराष्ट्र व जयपुर के खाद्यानों से निकलता है। इसे बिना फीनिशिंग दिए मूलरूप में लाकेट बनाया जाता है। आकाशगंगा में धूमने वाली उल्काएं जब पृथ्वी की कक्षा में आकर गिरती हैं तो उसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। जब वो पत्थर का रूप लेकर ठंडा हो जाता है और मानव के धारण करने पर सात चक्रों उसका प्रभाव पड़ता है और वो ऊर्जा प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि उनके पास ज्वालामुखी से निकले पत्थरों का ब्रैसलेट भी है, जिसपर इत्र लगाकर पहनने से सकारात्मक प्रभाव होता है।

लोगों को पसंद आ रहे हैं लद्दाखी मेवे

सरस पवेलियन में दर्शकों को लद्दाखी मेवे काफी पसंद आ रहे हैं। सरस की स्थानीय समन्वयक मीनाक्षी ने बताया कि यहां लद्दाख की विशेष सूखी खुबानी, खुबानी के बीज, बार्ले, अखरोट लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। इसके साथ ही हस्तशिल्प में लद्दाख में पहने जाने वाली ऊन से बनी टोपी, जुराबें व कालीन काफी बिक रही हैं। यहां 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार अपनी प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रही हैं।

छठ व क्रिकेट मैच की वजह से घटी दर्शकों की संख्या, लगाई स्क्रीन

रविवार को पहले दिन आम जनता के लिए ट्रेड फेयर के द्वार खोल दिए गए। बावजूद इसके दर्शकों की संख्या उतनी नहीं रही जितनी होनी चाहिए। आईटीपीओ के एक अधिकारी ने इसका कारण छठ महापर्व व विश्वकप फाइनल मैच को बताया। इस दौरान आईटीपीओ की ओर से जगह-जगह बड़े-बड़े स्क्रीन लगाकर मैच देखने की भी व्यवस्था की गई थी।