George Soros is main investor of Hindenburg Research: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार (12 अगस्त 2024) अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा भारत के खिलाफ चलाए जा रहे दुष्प्रचार की बात कही। बीजेपी की तरफ से कहा गया कि अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोज (George Soros) हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के सबसे बड़े इन्वेस्टर हैं।
बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद ने ANI के साथ बातचीत में कहा, ‘आज हम कुछ सवाल पूछना चाहते हैं। हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? क्या आपको पता है कि यह जेंटलमेन जॉर्ज सोरोज, जो लगातार भारत के खिलाफ प्रोपैगैंडा चला रहे हैं…वो इस कंपनी में सबसे बड़े निवेशक हैं…नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपने नफरत के रोग के चलते, कांग्रेस पार्टी ने आज भारत के खिलाफ ही नफरत फैलानी शुरू कर दी है।’
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश में आर्थिक अराजकता और आर्थिक अस्थिरता को फैलाना है। हिंडनबर्ग एक बार फिर वही पुराना गेम खेल रही है। यह रिपोर्ट शनिवार को रिलीज होती है, रविवार को हल्ला मचता है ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर किया जा सके। इसके बैकग्राउंड को समझना जरूरी है,भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। वर्ल्ड बैंक, मूडीज समेत सभी ने भारत की ग्रोथ रेट की तारीफ की है।
कांग्रेस की चिट पॉलिटिक्स
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर भारत के स्टॉक मार्केट में इससे उथल-पुथल होती है, तो छोटे निवेशक परेशान होंगे या नहीं?…कांग्रेस पार्टी की राजनीति में, एक टूलकिट पॉलिटिक्स है, एक चिट पॉलिटिक्स है। अगर एग्जाम में चिट्स मिलती हैं तो कार्रवाई की जाती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी और इनके नेताओं को मिलने वाली चिट्स का क्या?…वे पूरे स्टॉक मार्केट और छोटे निवेशकों के पैसे को बरबाद करना चाहते हैं और यह चाहे हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश ना हो। ‘
बता दें कि जॉर्ज सोरोज को पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना करने के लिए जाना जाता है। वह Open Society Foundation के फाउंडर भी हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अब उन पर भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है।
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में SEBI प्रमुख पर निशाना
शनिवार (10 अगस्त) को अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की एक नई रिपोर्ट आई। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि बाजार नियामक Securities Exchange Board of India (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धव बुच ने कथित अडानी साइफोनिंग स्कैंडल में अस्पष्ट ऑफशोर फंड्स में निवेश किया था। Coflict of Interest (हितों का टकराव) के चलते ही सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ की गई जांच में कोई कार्रवाई नहीं की।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर SEBI चीफ का बयान
सेबी चीफ और उनके पति ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा, ’10 अगस्त 2024 को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में हमारे खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं उनके बारे में हम कहना चाहते हैं कि हम पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और हम उनका दृढ़ता से खंडन करते हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। हमारी जिंदगी और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है। वित्तीय जानकारी का खुलासा कुछ साल पहले ही SEBI को किया जा चुका है।’ पूरी खबर यहां पढ़ें
अडानी ग्रुप का बयान
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पहर अडानी ग्रुप की तरफ से भी रविवार को बयान जारी किया गया। इस बयान में कहा गया कि यह सिर्फ हमें बदनाम करने वाले दावों की रीसाइकलिंग है। हिंडनबर्ग की तरफ से लगे सभी आरोपों की जांच हो चुकी है और सभी आरोप निराधार साबित हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इन्हें खारिज कर दिया है। अडानी ग्रुप का कहना है कि हमारा ओवरसीज होल्डिंग स्ट्रक्चर पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट है और पब्लिक दस्तावेजों में इसे दिखाया गया है। जिन व्यक्तियों या मामलों को नई रिपोर्ट में हमारे साथ जोड़ गया है, उनसे हमारा कोई संबंध नहीं है।