एशिया के दूसरे अमीर शख्‍स गौतम अडानी भी मुकेश अंबानी के नक्‍शेकदम पर चलन पड़े हैं। जैसा रिलायंस ग्रुप में ओटूसी कारोबार को अपने सभी बिजनेस से अलग करने का फैसला किया है। उसी तरह से अडानी ग्रुप ने भी अपने एयरपोर्ट को कारोबार को अलग करने का फैसला कर लिया है। जानकारी के अनुसार अभी यह‍ कदम काफी शुरुआती स्‍तर पर है। अडानी इंटरप्राइजेज से एयरपोर्ट कारोबार को पूरी तरह से अलग कर दिया जाएगा। साल के अंत तक इसका आईपीओ लाने की भी तैयारी है।

जानकारी के अनुसार अडानी ग्रुप अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग में शेयरों के प्राइवेट प्‍लेसमेंट के माध्‍यम से 50 करोड़ डॉलर जुटाने का प्‍लान बना रहा है। मौजूदा समय में अडानी ग्रुप के पास देश के सबसे बिजी एयरपोर्ट में से एक मुंबई एयरपोर्ट का कंट्रोल है। साथ ही कंपनी के पास 6 रीजनल एयरपोर्ट को भी संच‍ालित कर रही है। अडानी ग्रुप इस कारोबार की अलग कंपनी बनाकर वैल्‍यूएशन को करीब 29 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचाने की टारगेट रखा है।

साल के अंत तक आ सकता है आईपीओ : जानकारी के अनुसार अडानी ग्रुप अपनी इस नई कंपनी का आईपीओ साल के अंत तक लेकर आ सकता है। इसके लिए कंपनी के उच्‍चाधिकारियों और इंवेस्‍टमेंट बैंकर्स के बीच चर्चा भी हुई हैफ करीब आधा दर्जन ग्‍लोबल बैंक और कुछ डॉमेस्टिक बैंकर्स की ओर से इस प्रोजेक्‍ट में निवेश करने की इच्‍छा जाहिर की है। वहीं अडानी ग्रुप को इंतजार है एविएशन सेक्‍टर के थोड़ा पटरी पर आने का। खासकर पैसेंजर में इजाफे का, जिसमें कोविड महामारी की वजह से काफी कमी देखने को मिली है। वैसे अडानी ग्रुप की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

दो साल पहले अडानी ने रखा था एयरपोर्ट सेक्‍टर में कदम : करीब दो साल पहले यानी 2019 में अडानी ने एयरपोर्ट बिजनेस में हाथ रखा था। एईएल की यूनिट अडानी एयरपोर्ट को देश के 6 एयरपोर्ट को मॉडर्नाइजेशन करने और ऑपरेट करने की जिम्‍मेदारी मिली है। जिसमें अहमदाबाद, लखनऊ, मेंगलूरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट हैं। वहीं अगस्‍त 2020 में गौतम अडानी ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में में 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी। जिसकी वजह से कंपनी को नवी मुंबई एयरपोर्ट की ऑनरशिप भी मिल गई।