खाद्य तेल कारोबार को लेकर बाबा रामदेव और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के बीच मुकाबला जारी है। अब गौतम अडानी खाने का तेल और अन्य उत्पाद बनाने वाली ग्रुप कंपनी अडानी विल्मर का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ लाने जा रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी विल्मर आईपीओ के लिए अगले सप्ताह मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा कर सकती है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अडानी विल्मर 5 हजार करोड़ रुपए का आईपीओ ला सकते हैं। आईपीओ के लिए जेपी मॉर्गन, कोटक महिंद्रा कैपिटल और आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज को संभावित बैंकर बताया जा रहा है।

देश की सबसे बड़ी फूड कंपनी बनने की योजना: अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विल्मर ने 2027 तक देश की सबसे बड़ी फूड कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है। माना जा रहा है कि इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए आईपीओ लाया जा रहा है। इस आईपीओ से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल कारोबार विस्तार में किया जा सकता है। अभी खाने के तेल के कारोबार में अडानी विल्मर की बाजार हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है।

अडानी ग्रुप और सिंगापुर की कंपनी का जॉइंट वेंचर है अडानी विल्मर: अडानी विल्मर अडानी ग्रुप और सिंगापुर की कंपनी विल्मर का जॉइंट वेंचर है। इसमें अडानी ग्रुप और विल्मर की 50-50% हिस्सेदारी है। अडानी विल्मर की स्थापना 1999 में हुई थी। फॉर्च्यून रिफाइंड ऑयल अडानी विल्मर का सबसे पॉपुलर ब्रांड है। इसके अलावा कंपनी खाने के तेल, बासमती चावल, आटा, मैदा, सूजी, दाल और बेसन का उत्पादन और बिक्री करती है।

अभी शेयर बाजार में अडानी ग्रुप की 6 कंपनियां: अभी अडानी ग्रुप की शेयर बाजार में 6 कंपनियां लिस्टेड हैं। इसमें अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस शामिल हैं। यदि अडानी विल्मर आईपीओ लाने में कामयाब रहती है तो शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली यह अडानी ग्रुप की सातवीं कंपनी होगी।

रुचि सोया से है सीधा मुकाबला: अडानी विल्मर का सीधा मुकाबले रुचि सोया है। अडानी विल्मर और रुचि सोया दोनों ही कंपनियां खाने के तेल और अन्य उत्पाद बनाती हैं। दिवालिया प्रक्रिया के दौरान बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल रुचि सोया को 4,350 करोड़ रुपए में खरीद लिया था। पतंजलि आयुर्वेद ने रुचि सोया को अडानी विल्मर से ज्यादा बोली लगाकर खरीदा था।