गौतम अडानी देश के नहीं बल्कि एशिया के भी सबसे अमीर व्यक्ति बन चुके हैं। वह देश के उन चुनिंदा उद्योगपतियों में से एक हैं जिन्होंने पहली पीढ़ी में ही इस मुकाम को हासिल किया है। आज अडानी ग्रुप का कारोबार कोल माइनिंग, गैस, पोर्ट, एअरपोर्ट, पावर, ग्रीन एनर्जी के साथ सीमेंट सेक्टर में भी फैला हुआ है। आज हम आपको अडानी की कहानी बताने जा रहे हैं जो आपको भी काफी प्रेरित करेगी।

गौतम अडानी का जन्म 24 जून 1962 को गुजरात के अहमदाबाद में एक माध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। शुरू से अडानी की व्यापार में दिलचस्पी थी। उन्हें मुम्बई में हीरे का व्यापार काफी आकर्षित करता था, जिसके लिए वे बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़कर मुंबई चले गए और तीन सालों के अंदर ही इस व्यापार के माहिर खिलाड़ी बन गए। फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं दिखा।

बचपन में देखा था पोर्ट सपना: अडानी शुरू से ही एक दूरदर्शी सोच के धनी थे। एक बार जब वह बचपन में अपने परिवार के साथ गुजरात के कांडला पोर्ट गए थे तो उन्होंने ठान लिया था कि वह एक दिन देश में इससे भी बड़ा पोर्ट बनाएगे। आज गौतम अडानी की कंपनी अडानी पोर्ट देश की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर है। अडानी ग्रुप मौजूदा समय में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट का भी  संचालन करती है जिसकी गिनती देश के बड़े पोर्ट्स में होती है।

कोशिश करने में विश्वास करते हैं: कुछ समय पहले मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में अडानी ने कहा कि वे कभी भी नतीजे की चिंता छोड़ हमेशा कोशिश करने में विश्वास रखते हैं। यहीं, उनकी पूरी जिंदगी में कोई भी कार्य करने का मंत्र रहा है।

राजनेताओं के बारे में क्या राय: अडानी का राजनेताओं पर कहना है कि उन्होंने ऐसे नेता बिल्कुल भी पसंद नहीं है, जिनके पास देश को लेकर कोई भी विजन नहीं है और वे केवल पैसा कमाना चाहते हैं। उन्हें केवल दूरदर्शी सोच रखने वाले नेता ही पसंद है।

वहीं, अडानी का मानना है जब आपके पास पैसा होता है तो आपके पर दो रास्ते हैं या फिर आप नोटों के ढेर पर बैठकर आराम कर सकते हैं या फिर तरक्की कर सकते हैं।