मुंबई एयरपोर्ट में 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के साथ ही गौतम अडानी ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर किंग’ बनकर उभरे हैं। उनके कारोबार पर नजर डालें तो एयरपोर्ट, पोर्ट से लेकर बिजली उत्पादन जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में उनका बड़ा कारोबार है। इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े बिजनेस में वह वैश्विक स्तर पर बड़े खिलाड़ी हैं। अडानी समूह देश के 11 बंदरगाहों का संचालन करता है, जबकि मुंबई एयरपोर्ट समेत देश के 6 बड़े हवाई अड्डों का ठेका भी उसके पास है। यही नहीं अडानी लॉजिस्टिक्स कंपनी के जरिए कार्गो बिजनेस में भी गौतम अडानी का बड़ा दखल है। पावर सेक्टर की ही बात करें तो कंपनी जनरेशन, ट्रांसमिशन से लेकर डिस्ट्रिब्यूशन तक के बिजनेस में शामिल है।

यही नहीं हाल ही में कंपनी को दुनिया का सबसे बड़ा सोलर ठेका भी मिला है। केंद्र सरकार के सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से अडानी समूह को इसी साल 8 गीगावॉट के पावर प्लांट का ठेका दिया गया था। इसके अलावा 2 गीगावॉट के सोलर सेल का भी ठेका मिला है। इस प्रोजेक्ट में कंपनी 45,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। ऐसे समय में अडानी ग्रुप का यह निवेश उल्लेखनीय है, जब पावर सेक्टर से कंपनियां निवेश वापस ले रही हैं। अकसर मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के बिजनेस मॉडल की तुलना की जाती रही है, लेकिन दोनों में एक बुनियादी फर्क है। रिलायंस हमेशा से कंपनियों के अधिग्रहण के जरिए अपना विस्तार करता रहा है, जबकि गौतम अडानी हमेशा नए उद्योगों में संभावनाएं तलाशते रहे हैं।

अब कंपनी ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड में 74 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदकर एविएशन इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी लंबी छलंगा लगा गी है। दिल्ली के बाद देश का यह सबसे बड़ा हवाई अड्डा है, जिसके संचालन का जिम्मा अडानूी समूह को मिला है। इससे पहले अडानी ग्रुप के पास अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम, लखनऊ, मेंगलुरु और जयपुर एयरपोर्ट के संचालन की जिम्मेदारी थी। अडानी ग्रुप की ओर से एयरपोर्ट बिजनेस में इस दौर में अपना दखल बढ़ाना इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि कोरोना काल में हवाई यात्राएं लगभग ठप हैं।