कभी भारत के रिटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी को अपने फ्यूचर ग्रुप का रिटेल कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज के हाथों बेचना पड़ा है। रिटेल सेक्टर में उनकी असफलता को लेकर तमाम बातें की जाती रही हैं, लेकिन उन्होंने खुद अपने कारोबार के बिकने की वजह बताई है। एक डिजिटल इवेंट में किशोर बियानी ने कहा कि उन्होंने बीते कुछ सालों में जो अधिग्रहण किए थे, वे कोरोना काल में असफल साबित हुए। इसके चलते उन्हें अपने रिटेल स्टोर्स की चेन को मुकेश अंबानी के हाथों बेचना पड़ा। किशोर बियानी ने कहा कि कोरोना काल के शुरुआती तीन से 4 महीनों में ही फ्यूचर ग्रुप को 7,000 करोड़ रुपये तक के रेवेन्यू का नुकसान उठाना पड़ा। इसकी वजह यह थी कि स्टोर बंद थे और इससे समस्या बढ़ती चली गई।

फिजिटल रिटेल कन्वेंशन में बोलते हुए किशोर बियानी ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो कोरोना के शुरुआती 3-4 महीनों में हम एक ट्रैप में फंस गए थे। हमें रेवेन्यू के तौर पर 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा और इसक बाद बचने का कोई रास्ता नहीं था। असल में समस्या यह थी कि भले ही कारोबार रुक जाए, लेकिन उस लोन और किराया कभी नहीं रुकता।’ यही नहीं किशोर बियानी ने कहा कि आने वाला समय फिजिकल स्टोर्स के लिए और भी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज को 24,713 करोड़ रुपये में रिटेल बिजनेस बेचने को लेकर बियानी ने कहा कि 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाने के बाद कोई विकल्प नहीं बचा था। यही नहीं उन्होंने स्वीकार किया कि फ्यूचर ग्रुप ने बीते 6 से 7 सालों में तेजी से कई अधिग्रहण किए थे। उन्होंने कहा कि मौके पर इस बिजनेस से बाहर निकलने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा था। उन्होंने कहा कि ग्रुप के पास संकट से निकलने के कुछ और रास्ते हो सकते थे, लेकिन सबसे यही था कि लगातार बढ़ रहे कर्ज के संकट से पूरी तरह निपटा जाए।

बता दें कि इसी साल अगस्त में देश के सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनेस का अधिग्रहण 24,713 करोड़ रुपये में कर लिया था। इस डील के तहत रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बिग बाजार, फैशन ऐट बिग बाजार समेत कई चर्चित ब्रांड्स का अधिग्रहण कर लिया है। यही नहीं इस डील में यह करार भी हुआ है कि किशोर बियानी और उनका परिवार अगले 15 सालों तक रिटेल बिजनेस में एंट्री नहीं करेगा।