भारत सरकार विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने के एमएसटीसी लिमिटेड (MSTC Limited) की सहायक कंपनी फेरो स्क्रेप निगम लिमिटेड (FSNL) को बेचने की तैयारी कर रही है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव ने सोमवार (20-जून-2022) को ट्वीट कर कहा कि एफएसएनएल लिमिटेड में कई कंपनियों की ओर से रूचि दिखाई गई है। इससे पहले पिछले महीने सरकार की ओर से एफएसएनएल लिमिटेड की बोली जमा करने की तारीख को 6 जून तक आगे बढ़ा दिया गया था। इसके पहले अंतिम बोली जमा करने की तारीख को 5 मई 2022 रखा गया था।
सरकार पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना: एफएसएनएल लिमिटेड में सरकार पूरी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। एफएसएनएल लिमिटेड एक मिनी रत्न और एक मुनाफे वाली कंपनी है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने एमएसटीसी लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी एफएसएनएल लिमिटेड के विनिवेश के लिए अक्टूबर 2016 में मंजूरी दे दी थी।
एफएसएनएल लिमिटेड की स्थापना 1979 में कई गई थी। यह कंपनी भारत में मेटल स्क्रैप रिकवरी और स्लैग हैंडलिंग में अग्रणी है। कंपनी के पास भारत में 9 स्टील प्लांट है। एफएसएनएल को स्टील और लोहा बनने के दौरान पैदा हुए स्लैग और कचरे से मेटल की रिकवरी करने और फिर आगे उसे प्रोसेसिंग करने में महारत हासिल है।
बीपीसीएल का विनेश वापस लिया: हाल ही में केंद्र सरकार ने देश की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी तेल वितरक कंपनी बीपीसीएल की विनिवेश प्रक्रिया को खरीदार न मिलने के चलते वापस ले लिया था। सरकार ने विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी। सरकार ने मार्च 2020 में बीपीसीएल को बिक्री के लिए कंपनियों से बोलियां मंगाई थी और नवंबर 2020 तक कम से कम तीन बोलियां आ चुकी थीं लेकिन बाद में सभी कंपनियों ने अपनी बोली को वापस ले लिया था।
बता दें, वित्त वर्ष 23 के लिए सरकार ने 65 हजार करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा है। कुछ हफ्तों पहले दीपम सचिव ने कहा था कि सरकार को अब तक विनिवेश के जरिए 24,046.40 करोड़ रुपए मिल चुके हैं, जिसमें एलआईसी आईपीओ से होने वाली 20,560 करोड़ रुपये की आय शामिल है।