देश भर में 1 नवंबर 2025 से कई बड़े नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। ये बदलाव आम आदमी की जेब में असर डाल सकते हैं। इन बदलावों क्रेडिट कार्ड से लेकर एलपीजी तक के नियमों में बदलाव शामिल है। आइए जानते हैं, 1 नवंबर से कौन से बदलाव होने जा रहे हैं…
आधार अपडेट के नियम में बदलाव
आधार कार्ड अपडेट से जुड़ी प्रक्रिया को UIDAI ने ज्यादा आसान बना दिया है। आपको अब नाम, पता, जन्मतिथि या मोबाइल नंबर जैसी जानकारी अपडेट कराने के लिए आधार केंद्र जाने की जरूरत नहीं होगी। आप ऑनलाइन ही ये कर पाएंगे और आपको केवल अपने बायोमेट्रिक डिटेल को अपने करने के लिए ही आधार केंद्र जाना जरूरी होगा।
UIDAI आपकी जानकारी को राशन कार्ड, मनरेगा, PAN, पासपोर्ट और स्कूल रिकॉर्ड जैसे सरकारी डेटाबेस से ऑटोमेटिक तरीके से वेरिफाई करेगा। इसका मतलब है कि अब दस्तावेज अपलोड करने की झंझट खत्म हो जाएगी।
बैंकिंग नियमों में बदलाव
1 नवंबर से बैंकिंग सिस्टम में भी बदलाव लागू होने जा रहा है। ग्राहक अब अपने बैंक अकाउंट, लॉकर और सेफ कस्टडी के लिए एक नहीं, बल्कि चार नॉमिनी बना सकेंगे। ग्राहक यह भी तय कर सकेंगे कि किस नॉमिनी को कितना हिस्सा मिलेगा।
LPG, CNG और PNG की कीमतों में बदलाव की संभावना
LPG, CNG और PNG की कीमतों की समीक्षा हर महीने की पहली तारीख को की जाती है। हर महीने की तरह 1 नवंबर को भी इनकी समीक्षा की जानी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों के आधार पर तेल कंपनियां इन दरों में बदलाव करती हैं। इस बार भी गैस के दामों में बढ़ोतरी या राहत दोनों की संभावना बनी हुई है।
भारत की पहली प्राइवेट ट्रेन कौन सी है? जानें राजधानी और वंदे भारत से सस्ती या महंगा है टिकट
एसबीआई क्रेडिट कार्ड के चार्जेस में बदलाव
अनसिक्योर्ड कार्ड्स पर 1 नवंबर से 3.75 फीसदी चार्ज लगाया जाएगा। अगर आप थर्ड-पार्टी ऐप्स के जरिए स्कूल या कॉलेज की फीस भरते हैं, तो उस पर 1% अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
हालांकि, अगर आप स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट या उसके POS मशीन से भुगतान करते हैं, तो कोई चार्ज नहीं लगेगा साथ ही 1,000 रुपये से ज्यादा का वॉलेट लोड करने पर 1% शुल्क और कार्ड से चेक पेमेंट करने पर 200 रुपये का चार्ज देना होगा।
म्यूचुअल फंड निवेश से जुड़े नए नियम
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड निवेश से जुड़े नए नियम लागू किए हैं। अगर अब किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के अधिकारी, कर्मचारी या उनके परिवार के सदस्य ₹15 लाख से ज्यादा का लेन-देन करते हैं, तो कंपनी को यह जानकारी अपने Compliance Officer को देनी होगी।
