महज 12 साल की उम्र में अपनी बीमार मां की मदद के लिए सब्जी की दुकान में काम करने वाले मासरू वासमी आज अरबपति व्यापारियों की लिस्ट में शुमार हैं। तब स्कूल में पढ़ने वाले वासमी के लिए यहां पहुंचना इतना आसान नहीं था। 15 साल की उम्र में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और व्यापार के क्षेत्र में कदम बढ़ाए। एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक साल 1970 में उन्होंने एक ट्रक से अपना व्यापार शुरू किया और कुछ सालों के भीतर उनकी कंपनी मारुवा उन्यु किकान के 100 से ज्यादा ट्रक चलने लगे। आज यह कंपनी पूरे जापान में सुपरमार्केट और दवाईयों के स्टोर पर अपनी सप्लाई देती है। खास बात है कि कभी चंद रुपए के लिए सब्जी की दुकान पर काम करने वाले मासरू वासमी आज अरबपति हैं।

एक साक्षात्कार में उन्होंने उस रात का जिक्र करते हुए कहा कि जिसमें उन्हें इस नए बिजनेस का आइडिया आया, ‘उस रात मैं सो नहीं सका था।’ उन्होंने बताया कि अपने एक दोस्त के साथ अपने ट्रक में सामान डिलिवरी का काम शुरू किया। टोक्यो रिसर्च इंस्टीट्यूट कंपनी के एक्सपर्ट केनजी कनाई ने अमेजन संग 74 वर्षीय वासमी के बिजनेस का जिक्र करते हुए कहा कि ‘अवसरों’ पर उनकी गहरी नजर रहती है।

ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन रिटेलर के साथ उनकी साझेदारी के चलते उनकी कंपनी मारुवा के शेयर में भारी बढ़ोतरी हुई और एक साल में इनकी वैल्यू दोगुनी से भी अधिक हो गई। वासमी करीब 60 फीसदी शेयर के साथ कंपनी के प्रत्यक्ष मालिक है, जिससे उन्हें एक अरब डॉलर का शुद्ध मुनाफा हुआ।

उल्लेखनीय है कि अमेजन और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपने उदय के कुछ सालों में खूब संपत्ति अर्जित की है। आज अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस 107.7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। ई-कॉमर्स अलीबाबा के प्रमुख आज चीन के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। बीते साल उन्होंने कंपनी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। इसी तरह फ्लिपकार्ट के दो सह संस्थापक भी बीते साल अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हो गए।