सर्वेश कुमार
विदेशी मुद्रा जमा भी की जा सकेगी। इसके लिए न तो मुद्रा की अदलाबदली (मनी एक्सचेंज) कराने जाना होगा और न ही मुद्रा को बदलने के लिए चक्कर लगाने की जरूरत होगी। दो महीने के अंदर आइआइटी, चेन्नई से ‘आटोमेटेड वेरिफाएबल रेमिटेंस एंड मनी एक्सचेंज मशीन (एवीआरएम)’ के जरिए यह सुविधा शुरू की जाएगी।
चेन्नई के एक ‘स्टार्टअप’ ने 5 जी तकनीक की मदद से विदेश में रहने वाले प्रवासी कर्मियों और पेशेवरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस दिशा में पहल की है। इससे उनके लिए अपने रिश्तेदारों को राशि भेजना बेहद आसान हो जाएगा। इस सुविधा से बड़े शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लाखों परिवारों को फायदा होगा, जिनके बच्चे विदेश में नौकरी करते हुए अपनी कमाई का कुछ हिस्सा अपने संबंधियों या परिचितों को भेजना चाहते हैं। पर्यटकों के लिए भी यह एक बड़ी राहत होगी।
स्टार्ट अप ‘फिनारा’ के सीईओ उदय शंकर ने बताया कि अभी इसका परीक्षण चल रहा है। फिलहाल डालर, यूरो, लीरा व रुपए से इसकी शुरुआत की जाएगी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से इस दिशा में पहल की गई है। इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी लेने सहित दो निजी बैंकों से भी बात हुई है। साल के अंंत तक पहले चरण में 100 ‘एवीआरएम’ शुरू की जाएंगी।
विदेश में रहने वाला कोई व्यक्ति अपने रिश्तेदार को मुद्रा भेजता है तो यहां क्यूआर कोड या ओटीपी के जरिए मशीन का इस्तेमाल करके राशि निकाली जा सकेगी। अगर कोई भारतीय छात्र या विदेश में रहने वाले कामगार अपने घरवालों को पैसे भेजना या मंगवाना चाहते हैं तो इस मशीन के जरिए आासानी से कर सकेंगे।
मौद्रिक लेनदेन सुरक्षित भी होगा : किसी भी देश से अगर कोई व्यक्ति अपने रिश्तेदारों के लिए राशि भेजना चाहता है तो वह उस देश में ‘नेटवर्क एजंसी’ के पास मुद्रा जमा कर सकता है। इसके जमा होने के बाद जारी किए गए ओटीपी या क्यूआर कोड मिलने पर उसे कुछ ही समय में निकालना संभव होगा
किसी भी विदेशी मुद्रा की अधिकतम 40 नोट की निकासी या जमा करने की सुविधा होगी। अगर 50 हजार रुपए के बराबर राशि का लेनदेन करना है तो इसके लिए ‘केवाइसी’ जरूरी होगा। इससे कम के लिए ‘केवाइसी’ की जरूरत नहीं होगी। ‘केवाइसी’ में न केवल नगद मुद्रा निकालने या जमा करने वाले का व्यक्तिगत ब्योरा होगा। अगर उस व्यक्ति के खिलाफ किसी तरह की शिकायत हो तो मशीन के पास इसका ब्योरा होगा।
ऐसे में राशि निकालने या जमा करने की सुविधा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। इस सुविधा से ‘मनी एक्सचेंज’ की तुलना में काफी कम खर्च करना होगा। सात किलोमीटर के दायरे में बगैर इंटरनेट काम करेगी ‘एवीआरएम’ : ‘स्टार्टअप’ के सीईओ उदय शंकर का कहना है कि 5जी की बदौलत इस मशीन के सात किलोमीटर के दायरे में अगर इंटरनेट नहीं हो, फिर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे खासकर ग्रामीण इलाकों के हजारों परिवारों को फायदा मिलेगा, जहां नेटवर्क की दिक्कत होती है।