विदेशी मुद्रा भंडार में करीब दो साल में गिरावट हुई है। भारतीय रिजर्व बैंकी (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, 2 सितंबर को समाप्त सप्ताह के लिए भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7.941 बिलियन डॉलर घटकर 553.105 बिलियन डॉलर हो गया, जो करीब दो वर्षों में सबसे निचला स्तर पर आ चुका है। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में यह 5वें साप्ताह के दौरान लगातार गिरावट है।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में हाल के महीनों में तेजी से गिरावट आई है। ऐसा इस कारण, क्योंकि आरबीआई ने रुपए को तेजी से गिरने को बचाने के लिए मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया था और कदम उठाए थे, जिसका असर सीधे तौर पर विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा है। इससे पहले, आरबीआई के आंकड़ें के अनुसार, 26 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.007 अरब डॉलर और पिछले सप्ताह 6.687 अरब डॉलर घट गया था।
भारतीय रिजर्व बैंक के सप्ताहिक आंकडे़ं के अनुसार, विदेशी मुद्रा संपत्ति जो कि विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है, 2 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 6.527 अरब डॉलर घटकर 492.117 अरब डॉलर हो गई थी। वहीं पिछले दो सप्ताह में विदेशी मुद्रा संपत्ति में क्रमश: 2.571 अरब डॉलर और 5.779 अरब डॉलर की गिरावट आई थी।
अमेरिकी डॉलर में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की की गई है। वहीं विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में यूरो, यूके के पाउंड स्टर्लिंग और जापानी येन जैसी गैर-डॉलर मुद्राओं में नुकसान और कुछ में लाभ हुआ है। वहीं 2 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान सोने के भंडार का प्राइज 1.339 अरब डॉलर घटकर 38.303 अरब डॉलर पर जा चुका है।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, इस गणना किए गए सप्ताह के दौरान इंटरनेशनल मुद्रा कोष में भारत के स्पेशल ड्राविंग राइट्स (एसडीआर) का प्राइज 50 मिलियन डॉलर घटकर 17.782 अरब डॉलर रह गया। वहीं 2 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत की रिजर्व स्टेटस 24 मिलियन डॉलर घटकर 4.902 बिलियन डॉलर हो गई है।