कच्चे तेल की कीमत में तेजी का असर अब एयरलाइन इंडस्ट्री पर भी दिखना शुरू हो गया है। कच्चे तेल की कीमत में उछाल की वजह से भारत में विमानों के ईंधन एविशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) सर्वकालिक स्तर पर पहुंच गया है। इसके कारण अगले 15 दिनों में 15 फीसदी हवाई सफर महंगा हो सकता है।
एक लाख के पर पहुंची कीमत: रूस यूक्रेन युद्ध के बाद कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से दुनिया भर में ईंधन की कीमतों में वृद्धि हुई है। वहीं एटीएफ की कीमत 1 लाख पर किलोलीटर के भी पार चली गई है। भारत में यह मौका है जब एटीएफ की कीमत में इतनी वृद्धि हुई है। अगस्त 2008 में जब कच्चे तेल की कीमत $147 प्रति बैरल पहुंच गई थी तब भारत में एटीएफ की कीमत 71,028 रुपए प्रति किलोलीटर थी।
दिल्ली में तेल वितरण कंपनियों की ओर से बुधवार 16 मार्च 2022 को एटीएफ की नई कीमत जारी की गई थी। पिछले साल मार्च की तुलना में एटीएफ की कीमत में 86 फीसदी का उछाल आ चुका है।
इन मार्गो पर बढ़ सकते हैं किराए: एविएशन इंडस्ट्री के जानकारों के अनुसार एयरलाइंस कंपनियां अधिक यात्री संख्या वाले मार्गों जैसे दिल्ली – मुंबई, दिल्ली – बेंगलुरु, दिल्ली – चेन्नई, दिल्ली – हैदराबाद और दिल्ली – कोलकाता शामिल हो सकते हैं।
जबकि जानकारों का कहना है कि दिल्ली-लखनऊ और दिल्ली-जयपुर जैसे मार्गों के किराए में कोई बदलाव नहीं होने की संभावना है क्योंकि यदि इन मार्गों पर एयरलाइंस कंपनियों की तरफ से किराए बढ़ाए जाते हैं तो यात्रियों की संख्या पर बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
एटीएफ को जीएसटी के तहत लाने की मांग: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो के सीईओ रोंजोय दत्ता ने कहा कि “हम एटीएफ को जीएसटी के तहत लाने के लिए सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं क्योंकि इससे इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलता है। हमारा मानना है कि लागत में वृद्धि की भरपाई करने और एयरलाइंस कंपनियों के लिए उड़ानों व्यवहार्य व ग्राहकों के लिए सस्ती बनाने के लिए इस तरह के उपायों की अब पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है।”