हवाई यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने हवाई यात्रा टिकट रद्द कराने के संबंध में नए नियम बनाए हैं। यात्रा टिकट रद्द कराए जाने के समय लिए जाने वाले शुल्क की सीमा तय की गई है, साथ ही किराया लौटाने की प्रक्रिया के दौरान लिए जाने वाले अतिरिक्त शुल्क पर भी रोक लगा दी गई है। यह व्यवस्था एक अगस्त से लागू हो जाएगी। इसके अलावा हवाई सेवा देने वाली कंपनियों को ‘स्पष्ट तरीके’ से इसका संकेत देना चाहिए कि किसी टिकट के रद्द होने पर कितनी राशि लौटाई जा सकती है।
विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा, ‘किसी भी स्थिति में एयरलाइन कंपनियां रद्दीकरण शुल्क आधार किराए एवं ईंधन अधिभार के योग से अधिक नहीं लगा सकती हैं।’ डीजीसीए ने यह भी स्पष्ट किया कि एयरलाइन कंपनियां किराया वापसी के दौरान अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकती हैं। नए नियमों के तहत डीजीसीए ने स्पष्ट किया कि टिकट रद्द होने या उसके प्रयोग नहीं होने की स्थिति में एयरलाइन कंपनियों को ग्राहक को सभी सांविधिक कर, प्रयोगकर्ता विकास शुल्क या हवाईअड्डा विकास शुल्क या यात्री सेवा शुल्क वापस करने होंगे। डीजीसीए के प्रमुख एम. सत्यावती ने मंगलवार (12 जुलाई) को जारी एक आदेश में कहा कि यह नियम एक अगस्त से प्रभावी होंगे।