वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि नई इलेक्ट्रॉनिक बिल (ई-बिल) प्रसंस्करण प्रणाली से सरकारी विभागों के ठेकेदारों या आपूर्तिकर्ताओं को बकाया राशि जारी करने में किसी भी ‘खास लाभ’ की मांग होनी बंद हो जाएगी। बजट में घोषित ई-बिल प्रणाली की बुधवार को पायलट स्तर पर आठ मंत्रालयों में शुरुआत की गई। अगले वित्त वर्ष में इसे सभी केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों में लागू किया जाएगा। इसकी मदद से सरकार के ठेकेदार एवं आपूर्तिकर्ता अपने दावे ऑनलाइन ही जमा कर पाएंगे। इन दावों के निस्तारण की प्रक्रिया पर ऑनलाइन नजर भी रखी जा सकेगी।
सीतारमण ने 46वें सिविल अकाउंट दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ई-बिल प्रणाली से हर स्तर पर डिजिटलीकरण सुनिश्चित हो पाएगा और भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी होगी। उन्होंने कहा कि इसे आगे चलकर सरकारी विभागों के अलावा नागरिक सेवाओं में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। वित्त मंत्री ने कहा, “ई-बिल आने से खास लाभ उठाने की छोटी सी गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी।
इसकी वजह यह है कि सरकार का ठेकेदार या आपूर्तिकर्ता अपने दावों को डिजिटल तरीके से जमा कर पाएगा।” उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में डिजिटल हस्ताक्षर के साथ दावा पेश करने के बाद ठेकेदार या आपूर्तिकर्ता को सरकारी दफ्तर आने की जरूरत नहीं रहेगी। सीतारमण के मुताबिक, लोक लेखा अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि सरकार के साथ काम करने वाले आम आदमियों को अब बकाया भुगतान के लिए न तो सरकारी अफसरों से मिलने की जरूरत होगी और न ही उन्हें कई महीनों तक भुगतान का इंतजार करना होगा।
बजट 2022-23 में की थी घोषणा – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 में ई-बिल को लागू करने की घोषणा की थी। जिसमें वित्त मंत्री ने बताया था कि, ई-बिल शुरुआती दौर में केंद्रीय मंत्रालय और सभी सरकारी विभागों में लागू किया जाएगा। जिसके जरिए ठेकेदारों से भुगतान के एवज में विशेष लाभ पाने वाले लोगों पर लगाम लग सकेंगी। आपको बता दें ई-बिल व्यापार सुगमता तथा डिजिटल इंडिया इको-सिस्टम का हिस्सा है।
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ई-बिल प्रोसेसिंग सिस्टम पारदर्शिता, दक्षता और एक फेसलेस-कागज रहित भुगतान प्रणाली को बढ़ाने के लिए एक कदम है। अब सप्लायर और ठेकेदार अपना क्लेम ऑनलाइन जमा करने के लिए सक्षम होंगे, जो वास्तविक समय के आधार पर ट्रैक किया जा सकेगा।