Pension Rules: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की फैमिली डिटेल में बेटियों को शामिल करने के संबंध में पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoP&PW) ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है।
हाल ही में जारी एक सर्कुलर में विभाग ने कहा कि पेंशनभोगी या पारिवारिक पेंशनभोगी के जीवित रहते हुए पारिवारिक विवरण से बेटी का नाम नहीं हटाया जा सकता। मौजूदा नियमों के अनुसार, पारिवारिक पेंशन के लिए उसकी पात्रता उनकी मृत्यु के बाद ही तय की जाएगी।
कई विभागों द्वारा यहां मार्गदर्शन मांगा गया था कि क्या किसी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद परिवार की सूची से बेटी का नाम हटाया जाना चाहिए। विभागों द्वारा इस बारे में मार्गदर्शन मांगे जाने के बाद DoP&PW की तरफ से यहां स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
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क्या कहता है नियम?
हमारे सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के नियम 50(15) के मुताबिक, प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को सेवा में आने पर परिवार के सदस्यों – पति/पत्नी, सभी बच्चों, माता-पिता और विकलांग भाई-बहनों – की एक विस्तृत सूची प्रस्तुत करनी होगी। रिटायरमेंट के समय इस जानकारी को भी अपडेट किया जाना चाहिए और पेंशन दस्तावेजों के साथ जमा किया जाना चाहिए।
यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि जरूरत पड़ने पर पारिवारिक पेंशन पात्रता निर्धारित करने के लिए पूर्ण और सटीक पारिवारिक विवरण उपलब्ध हों।
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पारिवारिक रिकॉर्ड का हिस्सा बनी रहेगी बेटी
विभाग ने 7 अक्टूबर, 2022 के अपने पूर्व कार्यालय ज्ञापन का हवाला दिया, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि परिवार के सभी सदस्यों – चाहे वे पारिवारिक पेंशन के पात्र हों या नहीं – को फॉर्म 4 में शामिल किया जाना चाहिए।
इसलिए, एक बार जब सरकारी कर्मचारी द्वारा बेटी को परिवार का सदस्य घोषित कर दिया जाता है, तो उसका नाम पारिवारिक डिटेल से नहीं हटाया जा सकता। पेंशन लाभों के लिए उसकी तत्काल पात्रता के बावजूद, उसे पारिवारिक रिकॉर्ड के हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त रहेगी।
पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद पात्रता का निर्धारण
लेटेस्ट स्पष्टीकरण में साफ किया गया है कि पारिवारिक पेंशन के लिए बेटी की पात्रता पेंशनभोगी या किसी मौजूदा पारिवारिक पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद ही, स्थापित पेंशन नियमों के अनुसार निर्धारित की जाएगी।
यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि पारिवारिक पेंशन का उसका अधिकार उन मामलों में सुरक्षित रहे जहां वह बाद में (जैसे कि परिवार के अन्य पात्र सदस्यों की अनुपस्थिति में) पात्र हो जाती है।
