फेसबुक भारत में अपने internet.org मंच के पक्ष में उपभोक्ताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है क्योंकि दूरसंचार विभाग की समिति की रपट पर सार्वजनिक टिप्पणी भेजने की अवधि एक सप्ताह में खत्म होने वाली है जिसमें कहा गया है कि सोशल नेटवर्क की इस जैसी मुफ्त इंटरनेट सेवाएं इंटरनेट निष्पक्षता सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं।

फेसबुक ने सार्वजनिक अभियान की शुरुआत की है ताकि internet.org जैसे मुफ्त इंटरनेट पहुंच वाले मंचों को अनुमति के संबंध में समर्थन जुटाया जा सके। फेसबुक उपभोक्ता के होमपेज पर अक्सर एक संदेश उभरता है ‘क्या आप चाहते हैं कि भारत में मुफ्त बुनियादी आनलाइन सेवा हो? इंटरनेट डाट आर्ग का लख्य है विश्व में हर कोई आनलाइन हो। भारत में मुफ्त बुनियादी आनलाइन सेवा के पक्ष में अपना समर्थन दें।’

इस संदेश में कहा गया जल्दी ही भारत इंटरनेट डाट आर्ग जैसी सेवाओं के भविष्य पर फैसला करेगी। आज इस पोस्ट पर टिप्पणी करें ताकि हम आपके सांसदों को बता सकें कि आप भारत में हर किसी को जोड़ना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद और मंत्रिमंडल के ज्यादातर मंत्रियों का फेसबुक पेज हैं। जून के अंत तक देश भर में फेसबुक के 12.5 करोड़ उपभोक्ता हैं।

इंटरनेट निष्पक्षता पर दूरसंचार विभाग समिति की रपट सार्वजनिक टिप्पणी के लिए माईगवर्नमेंट वेबसाइट पर उपलब्ध है जिस पर 15 अगस्त तक टिप्पणी दी जा सकती है।

इस पर अब तक सिर्फ 500 से कुछ अधिक टिप्पणियां आई हैं जबकि भारत में आदर्श इंटरनेट-निष्पक्षता लागू करने के पक्ष में शुरू हुए आनलाइन अभियान के जरिए नियामक ट्राइ को 10 लाख संदेश भेजे गए थे।