एस्सार ऑयल रानीगंज स्थित कोयला खानों से मिथेन गैस उत्पादन (कोल-बेड मिथेन) बढ़ाने के लिए 700 से 1,000 करोड़ रुपए निवेश करेगी। इसके साथ ही कंपनी ने सीबीएम गैस उत्पादन में चुनौतियों और मुश्किलों को देखते हुए प्रोत्साहन दिए जाने पर भी जोर दिया है। एस्सार एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मनीष महेश्वरी ने बुधवार (13 जुलाई) यहां कहा, ‘हम रानीगंज सीबीएम में 3,300 करोड़ रुपए पहले ही निवेश कर चुके हैं और 10 लाख घन मीटर प्रतिदिन उत्पादन हासिल कर चकु हैं। हमें क्षेत्र से अनुमानित उच्चतम 30 लाख घन मीटर प्रतिदिन की उत्पादन क्षमता हासिल करने के लिये 700 से 1,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त निवेश करना होगा।’
कंपनी को अगले वित्त वर्ष 2017-18 के मध्य में 30 लाख घनमीटर प्रतिदिन का उत्पादन लक्ष्य हासिल कर लेने की उम्मीद है। महेश्वरी ने कहा, ‘हाइड्रोकार्बन महानिदेशक से शैल गैस के बारे में विस्तृत दिशानिर्देश और स्पष्टीकरण आने के बाद ही हम अपनी इस काम को आगे बढ़ाएंगे।’ हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि शैल गैस में कंपनी कितना निवेश करेगी। एस्सार ऑयल ने इसके साथ ही यह भी कहा है कि गहरे और अति गहरे पानी में गैस उत्पादन की चुनौतियों और मुश्किलों को देखते हुए गैस खोज के लिए कुछ प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
महेश्वरी ने कहा, ‘हम गहरे और अति गहरे पानी से गैस उत्पादन जैसे क्षेत्रों में कुछ प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहे हैं। यहां तक कि कोयला खदानों से मीथेन (सीबीएम) गैस निकालने में भी कई तरह की चुनौतियां और मुश्किलें हैं।’ महेश्वरी सीबीएम गैस के वहनीयता और उसके मूल्यांकन को लेकर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गहरे और अत्यंत गहरेपानी से परंपरागत गैस उत्पादन का मूल्य करीब 6 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) है। उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में सरकार के 2014 की अधिसूचना के मुताबिक गैस कुऐं पर दाम 3.4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है। एक कंपनी के तौर पर हम बेहतर दाम चाहेंगे।’