कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक दिवाली से पहले यानी 10 और 11 अक्टूबर को बेंगलुरु में होने वाली है। रिपोर्टों के अनुसार, इस बैठक में न्यूनतम पेंशन राशि को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह करने के प्रस्ताव पर चर्चा होने की संभावना है।
11 साल बाद न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की उम्मीद
ईपीएफओ के तहत कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) के तहत न्यूनतम पेंशन मौजूदा समय में प्रति माह 1,000 रुपये है। यह राशि 2014 में तय की गई थी और तब से अपरिवर्तित बनी हुई है।
विभिन्न कर्मचारी संगठन लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि मौजूदा महंगाई को देखते हुए 1,000 रुपये की राशि बहुत कम है। ट्रेड यूनियन और पेंशनभोगियों के विभिन्न संघ लंबे समय से कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन राशि को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, रिपोर्टों से पता चलता है कि CBT पेंशन में 7.5 गुना वृद्धि नहीं करेगा और इसे बढ़ाकर 2,500 रुपये करने पर विचार कर सकता है।
कैसे निर्धारित की जाती है ईपीएफओ पेंशन?
ईपीएस के तहत पेंशन की गणना एक निश्चित सूत्र का इस्तेमाल करके की जाती है-
पेंशन = (पेंशन योग्य सैलरी × पेंशन योग्य सर्विस) ÷ 70
पेंशन योग्य सैलरी, सर्विस के अंतिम 60 महीनों का एवरेज बेसिक पे + डीए है, जिसकी अधिकतम सीमा 15,000 रुपये है। पेंशन योग्य सर्विस, सर्विस के कुल वर्षों को दर्शाती है, यदि यह 6 महीने या उससे अधिक है, तो इसे राउंड ऑफ किया जाता है, और पेंशन के लिए पात्र होने के लिए आपको कम से कम 10 वर्षों की सर्विस की जरूरत होती है।
पेंशन योग्य वेतन की अधिकतम सीमा 15,000 रुपये प्रति माह है यानी किसी सदस्य ने 35 वर्षों तक सर्विस की है, तो उसे लगभग 7,500 रुपये प्रति माह पेंशन मिल सकती है।
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पेंशन के लिए पात्रता
– सदस्य 58 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर नियमित पेंशन के हकदार होते हैं।
– ईपीएस के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 10 वर्षों की निरंतर सेवा आवश्यक है।
क्या उम्मीद कर सकते हैं सदस्य?
इस बैठक का एक अन्य प्रमुख एजेंडा ईपीएफओ 3.0 प्रोजेक्ट है। ईपीएफओ 3.0 के तहत, संगठन को पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलेस बनाने की योजना है।
इसमें एटीएम से सीधे पीएफ विड्राल, यूपीआई के जरिए तत्काल पीएफ विड्राल, रीयल-टाइम क्लेम सेटलमेंट और सुधार सुविधा, ऑनलाइन मृत्यु दावों का आसान सेटलमेंट और स्वचालित डेटा एकीकरण जैसी सुविधाएं शामिल हो सकती हैं।
इंफोसिस, विप्रो और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी बड़ी भारतीय आईटी फर्मों को इस बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के मैनेजमेंट और एग्जीक्यूशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। टेक्नीकल टेस्टिंग और सिस्टम एकीकरण चुनौतियों के कारण देरी के बीच अब यह प्रोजेक्ट अगले साल ही शुरू होने की संभावना है।
बैठक में क्या निर्णय लिया जा सकता है?
न्यूनतम पेंशन बढ़ाने पर चर्चा और निर्णय लेने के अलावा, बोर्ड डिजिटल सुधारों, निवेश नीति और पेंशन योजना के फंड स्ट्रक्चर पर भी चर्चा कर हो सकती है।
हालांकि अंतिम निर्णय के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी होगी, लेकिन इस बैठक का नतीजा लाखों पेंशनभोगियों और कर्मचारियों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
कर्मचारी उम्मीदें
कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन अब मान्य नहीं है। एक श्रमिक संघ प्रतिनिधि ने कहा, “इस राशि पर कोई भी गुजारा नहीं कर सकता। सरकार को महंगाई को ध्यान में रखते हुए इसमें पर्याप्त वृद्धि करनी चाहिए।”
अब, सभी की निगाहें 10-11 अक्टूबर को होने वाली सीबीटी बैठक पर टिकी हैं, जहां कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की जा सकती है।