ELSS Vs PPF Vs FD: आज के वक्त में अपने भविष्य को आर्थिक रुप से सुरक्षित करने के लिए हर कोई निवेश कर रहा है। ऐसे में आज कल निवेश के कई सारे विकल्प मौजूद है। अक्सर लोग निवेश को इसमें कंफ्यूज रहते हैं कि आखिर कहां निवेश करना चाहिए। अगर आप ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम), PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड) और FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) में निवेश का सोच रहे हैं और कंफ्यूज तो यहां हम आपको इसका कन्फ्यूजन दूर कर रहे हैं, आइए जानते हैं…
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक सरकारी योजना है। इसका उद्देश्य रेगुलर बचत के जरिए एक बड़ा फंड तैयार करना है। यह सरकारी सेविंग स्कीम पक्का रिटर्न देती है। अभी PPF पर सालाना 7.1 प्रतिशत का इंटरेस्ट रेट मिल रहा है। इसमें इन्वेस्टमेंट पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C (पुराने टैक्स सिस्टम) के तहत एक साल में ₹1.50 लाख तक की छूट मिलती है। इसका लॉक-इन पीरियड 15 वर्ष का होता है।
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फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
फिक्स्ड डिपॉजिट एक प्रकार का निवेश है। जिसमें व्यक्ति एक निश्चित अवधि के लिए NBFC या बैंक में एकमुश्त राशि जमा करते हैं। व्यक्ति को मैच्योरिटी पर मूल राशि और उस पर अर्जित ब्याज मिलता है। इसमें आम तौर पर थोड़ा कम लगभग 6-6.5 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलता है। इनमें कोई टैक्स छूट नहीं मिलती है। इनकी कमाई (ब्याज) टैक्सेबल होती है।
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इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ELSS)
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स एक तरह का म्यूचुअल फंड है जो सेक्शन 80C (पुराने टैक्स सिस्टम के तहत) के तहत हर साल ₹1.5 लाख तक की छूट देता है। ये म्यूचुअल फंड इक्विटी में इन्वेस्ट करते हैं। इनका लॉक-इन पीरियड तीन साल का होता है। ELSS फंड्स ने पिछले 3 वर्षों में औसतन 17.10% वार्षिक रिटर्न दिया है।
सेबी के म्यूचुअल फंड स्कीम के क्लासिफिकेशन के मुताबिक, ELSS म्यूचुअल फंड को इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, 2005 के अनुसार अपनी एसेट्स का कम से कम 80% स्टॉक में इन्वेस्ट करना होता है।
[डिस्क्लेमर: ये आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से निवेश सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। Jansatta.com अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।]
