Economic Survey 2021-22 Highlights: 1 फरवरी यानी सोमवार को देश का आम बजट पेश होने वाला है। इस बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वे पेश किया। सर्वे के मुताबिक देश की इकोनॉमी अब पटरी पर लौट रही है।
सख्त लॉकडाउन का फायदाः सर्वे के मुताबिक भारत ने कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लागू किया था, जिसका उसे आज फायदा मिल रहा है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि महामारी शुरू होने के साथ ही भारत ने इसके प्रसार को रोकने को उपाय किए थे, जो यह दर्शाता है कि वह दीर्घावधि के लाभ के लिए थोड़े समय का दर्द झेलने को तैयार है।
समीक्षा दस्तावेज में कहा गया है कि आज देश वी-आकार (तेजी से गिरावट के बाद तेज सुधार) का सुधार देख रहा है। स्थिर वृहद आर्थिक स्थिति स्थिर है। आर्थिक समीक्षा 2020-21 में कहा गया है कि भारत को गरीबी उन्मूलन के लिए आर्थिक वृद्धि पर लगातार ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
समीक्षा कहती है कि समय-समय पर आर्थिक वृद्धि और असमानता के बीच संभावित टकराव उजागर हुआ है। आर्थिक वृद्धि और असमानता के बीच यह टकराव कोविड-19 महामारी के कारण असमानता पर अधिक ध्यान केन्द्रित किए जाने के कारण एक बार फिर जरूरी हो जाता है।
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगी। आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र में वृद्धि जारी है, जबकि कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते सेवा, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए।
समीक्षा में रेटिंग एजेंसियों को सलाह दी गई है कि वे भारत की वित्तीय साख का स्तर व्यक्तिपरक की जगह पारदर्शी तरीके से करें। समीक्षा में कहा गय है कि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग के तरीके में बदलाव किया जाना चाहिए और इसमें अर्थव्यवस्था की अपनी ऋण प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता और इच्छा को दर्शाया जाना चाहिए।