बिजली वितरण कंपनियों का बकाया तेजी से घटकर 713.29 करोड़ रुपये पर आ चुका है। जबकि शुक्रवार से पहले इन कंपनियों का बकाया 5058 करोड़ रुपये था। बकाया राशि का भुगतान ऐसे समय पर आया है, जब सरकार की ओर से डिफॉल्टर यूटिलिटीज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। बिजली मंत्रालय ने इन कंपनियों को बिजली वितरित पर रोक लगा दी थी।
जून 2022 में बिजली मंत्रालय द्वारा अधिसूचित बिजली (विलंब भुगतान अधिभार और संबंधित मामले), नियम 2022 के तहत डिफॉल्टर उपयोगिताओं को बिजली एक्सचेंजों में व्यापार करने से रोक दिया गया था। हालांकि अब इन कंपनियों की ओर से अधिक रकम का भुगतान किया जा चुका है और बाकी रकम का भी भुगतान हो सकता है।
पिछले महीने नेशनल ग्रिड ऑपरेटर पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (POSOCO) ने तीन पावर एक्सचेंजों – IEX, PXIL और HPX को 13 राज्यों में 27 डिस्कॉम द्वारा बिजली के कारोबार को प्रतिबंधित करने के लिए कहा था, जिनपर जेनकोस का बकाया है।
PRAAPTI पोर्टल पर देर से भुगतान अधिभार बकाया के बारे में नवीनतम अपडेट से पता चला है कि कर्नाटक में तीन डिस्कॉम और जम्मू और कश्मीर में एक पर 16 सितंबर, 2022 को कुल बकाया राशि 713.29 करोड़ रुपये है। 17 अगस्त, 2022 को बकाया राशि 5,085.30 करोड़ रुपये थी।
16 सितंबर, 2022 के नवीनतम अपडेट के अनुसार कर्नाटक में तीन डिस्कॉम हुबली इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (36.29 करोड़ रुपये), चामुंडेश्वरी इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड (10.49 करोड़ रुपये) और गुलबर्गा इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (11.24 करोड़ रुपये) हैं। जम्मू और कश्मीर विद्युत वितरण विभाग के पास PRAAPTI के नवीनतम अपडेट के अनुसार 655.26 करोड़ रुपये हैं।
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, POSOCO केंद्रीय बिजली मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम , भारतीय बिजली प्रणाली के एकीकृत संचालन का प्रबंधन करता है। तीन एक्सचेंजों को लिखे एक पत्र में, पोसोको ने कहा था कि डिस्कॉम (13 राज्यों में 27 डिस्कॉम) के लिए बिजली बाजार के सभी उत्पादों में खरीद और बिक्री लेनदेन (बिजली की) डिलीवरी की तारीख 19 अगस्त 2022 से अगली सूचना तक पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।