जल्द ही भारत की सड़कों पर बिना ड्राइवर वाली कारें दौड़ती हुई नजर आ सकती है। इसके लिए सरकार मोटर व्हीकल में संशोधन की तैयारी कर रही है। सरकार मोटर व्हीकल एक्ट में प्रस्तावित संसोधन करके बिना ड्राइवर के चलने वाली गाड़ियों (ड्राइवरलेस कार) की टेस्टिंग के लिए परमिट दे दिया जाएगा। बिना ड्राइवर के चलने वाली गाड़ियों के क्षेत्र में देश की दिग्गज कंपनी गूगल, टेस्ला और उबर जैसी कंपनियां तेजी से काम कर रही हैं। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि एक्ट में संसोधन होने के बाद सरकार इस तरह की गाड़ियों को टेस्टिंग का मौका देगी। सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से भारतीय कार निर्माताओं और टेक्नोलॉजी फर्म्स सेल्फ ड्राइविंग कारों के निर्माण की ग्लोबल रेस में शामिल हो सकेगी।

यह नया प्रस्ताव मोटर व्हीकल्स (संसोधन) बिल 2016 का ही हिस्सा है। सेफ्टी और यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए भारी दंड के कारण यह बिल सुर्खियों में रहा था। बिल को पिछले साल अगस्त में संसद में पेश किया गया था। जिसे पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी के पास भेज दिया गया था। अधिकारी ने बताया कि एक बार बिल के पास होने पर ट्रांसपोर्ट सेक्टर में यात्रियों और कॉमर्शियल दोनों के लिए नया इनोवेशन होगा। एक अन्य शख्स के मुताबिक इस टेस्ट के लिए परिवहन विभाग की परमिशन की जरुरत होगी। टाटा ग्रुप की डिजाइन और टेक्नोलॉजी कंपनी Tata Elxsi ड्राइवरलेस कार का टेस्ट करने की तैयारी में हैं। इस रिपोर्ट पर कुछ भी कहने से इनकार किया है।

गौरतलब है कि गूगल ने सबसे पहले खुद से चल सकने वाली कारों का विकास शुरू किया। लेकिन अब टेस्ला मोटर्स, जीएम और फोर्ड भी जोर-शोर से इसे विकसित करने में जुटी है और हाल में ही इस दौड़ में ऑन डिमांड कार सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी जुट गई है। पूरी दुनिया भर में इस ड्राइवरवलेस कार को टेस्टिंग की जा रही है। हाल ही में गूगल ने उबर पर वाहनों में इस्तेमाल होने वाली तकनीक चुराने का आरोप लगाया था। स्वीडिश कार निर्माता कंपनी वोल्वो ने ड्राइवरलेस XC90s के लिए उबर के साथ पार्टनरशिप की है। उबर ने पिछले साल उबर सॉप्टवेयर से लैस ड्राइवरलेस वोल्वो XC90s की पहली फ्लीट को टेस्ट किया था।