आयकर विभाग ने बुधवार (06-जुलाई-2022) को कथित टैक्स चोरी के आरोप में डोलो-650 टैबलेट बनाने वाली बेंगलुरु स्थित दवा कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड के परिसरों की तलाशी ली। कोविड -19 महामारी के दौरान बुखार और दर्द को कम करने के लिए इस दवा (डोलो-650) का इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया गया था।
बताया जा रहा है कि ये रेड कंपनी के सीएमडी दिलीप सुराना, निदेश आनंद सुराना और कंपनी के बेंगलुरु स्थित कंपनी के दफ्तर सहित 40 जगहों पर मारा गया है और रेस कोर्स स्थित कंपनी के दफ्तर से अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं।
अधिकारियों ने कहा कि आयकर विभाग तलाशी के तहत कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड और बयानों की जांच कर रहा है। विभाग की ओर से रेड के विवरण के बारे में कोई भी खुलासा नहीं किया गया था। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, विभाग की ओर से ये कार्रवाही कंपनी मालिकों पर टैक्स चोरी के शक में की गई है। हालांकि अधिकारिक रूप से इस पर कुछ नहीं कहा गया है।
माइक्रो लैब्स लिमिटेड फार्मास्युटिकल उत्पादों और एपीआई ( Active Pharmaceutical Ingredients) बनाने और वितरण का कार्य करती है। विदेशों में कारोबार के अलावा कंपनी के पास देश भर में इसकी 17 विनिर्माण इकाइयां हैं। इसके प्रमुख फार्मा उत्पादों में डोलो-650, अमलोंग, लुब्रेक्स, डायप्राइड, विल्डाप्राइड, ओल्मट, अवास, ट्रिप्राइड, बैक्टोक्लेव, टेनेप्राइड-एम और आर्बिटेल हैं।
कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकरी के मुताबिक, कोविड महामारी 2020 में शुरू होने के बाद से डोलो-650 की 350 करोड़ से ज्यादा टैबलेट की बिक्री कंपनी कर चुकी हैं और पिछले एक साल में उसे करीब 400 करोड़ रुपए की आय हुई है।
बता दें, कंपनी की ओर से बनाई जाने वाली दावा डोलो-650 की मांग कोरोना के समय में काफी बढ़ गई थी और लगभग हर कोरोना मरीज को डॉक्टर की ओर से ये दवाई उसके पर्चे में लिखी गई थी।