अपने ‘फ्री बेसिक’ अभियान का बचाव करते हुए फेसबुक ने गुरुवार को कहा कि लोगों को जोड़ने में मदद करने वाला कार्यक्रम रोका या सीमित नहीं किया जाना चाहिए। फेसबुक की यह प्रतिक्रिया दूरसंचार नियामक ट्राई के परामर्श पत्र की पृष्ठभूमि में आई है। डेटा सर्विस के लिए अलग-अलग कीमत के बारे में यह परामर्श पत्र आया है जिसके तहत दूरसंचार कंपनियां कुछ वेबसाइटों तक पहुंच के लिए मुफ्त या शुल्क में छूट की पेशकश करती हैं। फेसबुक ने भारत में कुछ निश्चित एप्लीकेशन और वेबसाइट मुफ्त में उपलब्ध कराने के लिए आरकाम के साथ ‘फ्री बेसिक’ पहल शुरू की है। पूर्व में इसे ‘इंटरनेट डाट ओरजी’ के नाम से जाना जाता था।
फेसबुक के उपाध्यक्ष (मोबाइल एंड ग्लोबल एक्सेस पालिसी) केविन मार्टिन ने एक बयान में कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि इस परिचर्चा में जो शामिल हैं और जो उस कार्यक्रम को रोकने या सीमित करने के परिणाम पर विचार करेंगे जिससे लोगों को जुड़ने और अपना जीवन सुधारने में मदद मिलती हैं, उसके व्यापक परिणाम पर विचार करेंगे।’
फेसबुक ने कहा कि वह भारत के लिए सस्ता और नवप्रवर्तशील इंटरनेट पहुंच के सिद्धांत को कायम रखने के लिए ट्राई के साथ काम करेगी। भारतीय दूरसंचार नियामक एवं प्राधिकरण (ट्राई) ने संबद्ध पक्षों से कहा है कि अलग-अलग कीमत की अनुमति दिए जाने के मामले में क्या कदम उठाया जाए जिससे किसी प्रकार का भेदभाव न हो और पारदर्शिता, सस्ता इंटरनेट, प्रतिस्पर्धा, बाजार प्रवेश व नवप्रवर्तन का सिद्धांत सुनिश्चित हो।