देश में पिछले कुछ समय में आयकर देने वालों की लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। अब इसका असर वित्त वर्ष 2021-22 में संग्रह हुए प्रत्यक्ष कर पर दिख रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा गुरुवार 17 मार्च 2022 को पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक बुधवार 16 मार्च 2022 तक वित्त वर्ष 2021-22 में 13.63 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ है।

40 फीसदी बढ़ा कर संग्रह: पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल प्रत्यक्ष कर में तेज उछाल दर्ज किया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में व्यक्तिगत कर का संग्रह 48 फीसदी और कॉरपोरेट कर का संग्रह 41 फीसदी बढ़ा है। यदि आंकड़ों की बात की जाए तो इस साल 16 मार्च तक प्रत्यक्ष कर का संग्रह 13.63 लाख करोड़ रुपए जबकि यह आंकड़ा 2018-19 में 11.18 लाख करोड़ रुपए, 2019-20 में 10.28 लाख करोड़ रुपए और 2020-21 में 9.24 लाख करोड़ रुपए था।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन जेबी मोहपात्रा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि ” यदि आप कुल सकल आंकड़ों पर गौर करेंगे तो आज यह आंकड़ा 15.5 लाख करोड़ रुपए है जो वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 38.3 फीसदी और वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले 36.6 फीसदी और वित्त वर्ष 2018-19 के मुकाबले 32.7 फीसदी अधिक है। इस साल सीबीडीटी ने 15 लाख करोड़ से अधिक का सकल प्रत्यक्ष कर का संग्रह किया है। जो कि अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है।

बजट आंकड़ों से ऊपर निकला कर संग्रह: एक फरवरी को संसद में बजट पेश करते हुए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के कर संग्रह का अनुमान 11.08 लाख करोड़ रुपए लगाया था जिसे बाद में बढ़ाकर 12.5 लाख करोड़ रुपए कर दिया था।

अग्रिम कर में इजाफा: इस वित्त वर्ष 16 मार्च 2022 तक 6,62,896 करोड़ रुपए का अग्रिम कर का संग्रह हुआ जबकि पिछले वित्त वर्ष यह आंकड़ा 4,70,984 करोड़ रुपए था

इस वित्त वर्ष में सकल कर संग्रह 15,46,894 करोड़ रुपए है जिसमें कॉरपोरेट कर 8,36,838 करोड़ और व्यक्तिगत आयकर 7,10,056 करोड़ शामिल है।