कर्ज में डूबे दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) की अधिग्रहण प्र​क्रिया के बीच मद्रास हाईकोर्ट ने सेबी को नोटिस जारी किया है।

दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने डीएचएफएल की कथित धोखाधड़ी गतिविधियों की जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सेबी को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने इस मामले को देश में पूंजी बाजार में सबसे बड़ा घोटाला बताया है।

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के मुताबिक नियामक, क्रेडिट-रेटिंग एजेंसियों, लेखा परीक्षकों के साथ निवेशकों को 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो सकता है। डीएचएफएल के कामकाज को देखने, इसकी गतिविधियों और जमाकर्ताओं से प्राप्त धन के आवगमन की देख रेख करने वालों ने अपना काम सही से नहीं किया।’’

इस मामले में याचिकाकर्ता ने सेबी को विभिन्न प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिकाकर्ता ने इसके अलावा डीएचएफएल और उसके प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारी की जांच करने का भी आग्रह किया है। अब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को नोटिस का 13 जुलाई तक जवाब देना है।

डीएचएफल को मिली राहत: इस बीच, राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने अमेरिका स्थित प्रूडेंशियल इंटरनेशनल इंश्योरेंस होल्डिंग्स (पीआईआईएचएल) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें डीएचएफएल के लिए पीरामल समूह की बोली को मंजूरी देने वाले आदेश को चुनौती दी गई थी।

पीरामल समूह ने लगाया है दांव: इस साल जनवरी में कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने DHFL को बेचने के लिए पीरामल समूह के पक्ष में मतदान किया। आपको बता दें कि पीरामल समूह के मुखिया अजय पीरामल हैं, जो मुकेश अंबानी के समधी भी हैं। अजय पीरामल के बेटे आनंद की शादी ईशा अंबानी से हुई है। ईशा, मुकेश अंबानी की इकलौती बेटी हैं।