पिछले चार से छह महीने के दौरान भारत में सेकेंड हैंड कार (Second Hand Car) की डिमांड में काफी तेजी आई है। इसके कारण यूज्ड कार (Used Car) की कीमतों में 20 से 25 प्रतिशत तक का उछाल देखने को मिल रहा है। यह ऐसे समय हो रहा है, जब ग्लोबल चिप शॉर्टेज (Global Chip Shortage) से नई कारों का बाजार सुस्त पड़ रहा है।

अक्टूबर में नई कारों के विनिर्माण के साथ बिक्री भी हुई कम

चिप शॉर्टेज के चलते वाहन कंपनियों का विनिर्माण (Vehicle Manufacturing) प्रभावित हुआ है। इस कमी के कारण कंपनियां मांग के हिसाब से प्रोडक्शन नहीं कर पा रही हैं। टाटा मोटर्स (Tata Motors) से लेकर मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) तक, सभी कंपनियां इससे प्रभावित हुई हैं। विनिर्माण धीमा होने से नई गाड़ियों की वेटिंग पीरियड बढ़ गई है। पिछले महीने न सिर्फ नई कारों का प्रोडक्शन प्रभावित हुआ, बल्कि इनकी खुदरा बिक्री भी कम हो गई।

वेटिंग पीरियड बढ़ने से पुरानी कारें खरीद रहे लोग

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, इंडस्ट्री से जुड़े लोग ग्लोबल चिप शॉर्टेज को ही सेकेंड हैंड कारों की डिमांड में आई तेजी की प्रमुख वजह मानते हैं। इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि चिप शॉर्टेज के कारण नई गाड़ियों की वेटिंग पीरियड (Waiting Period) कई महीने बढ़ गई है। इससे उन ग्राहकों को परेशानियां हो रही हैं, जो अपनी कार खरीदने के लिए इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकते। ऐसे ग्राहक सेकेंड हैंड कारों का रुख कर रहे हैं। यही कारण है कि पिछले चार से छह महीने के दौरान यूज्ड कारों की डिमांड बढ़ी है, जिससे इनकी कीमतों पर भी असर पड़ा है।

ऑल टाइम हाई पर है यूज्ड कारों की डिमांड

सेकेंड हैंड कारों का कारोबार करने वाली कंपनी कार्स24 (Cars24) के सीईओ कुनाल मुंद्रा का कहना है कि महामारी के बाद से यूज्ड कारों की डिमांड लगातार बढ़ी है। ये सस्ते होते हैं, इस कारण लोग सेकेंड हैंड कार खरीदना पसंद करने लगे हैं। अभी इन कारों की डिमांड ऑल टाइम हाई पर है। हैचबैक और एसयूवी के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ रहा है। फेस्टिव सीजन के दौरान चिप शॉर्टेज के चलते नई कारों के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है। आने वाले समय में इस कारण प्री ओन्ड कारों की मांग में और तेजी आएगी।

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पुरानी सीएनजी कारों के दाम भी इतने बढ़े

यूज्ड कार मार्केटप्लेस स्पिन्नी (Spinny) के सीईओ नीरज सिंह बताते हैं कि कम पुरानी कारों के दाम में 20 से 25 प्रतिशत तक की तेजी आई है। वेटिंग पीरियड बढ़ने तथा ईंधनों के दाम काफी अधिक होने के चलते सेकेंड हैंड सीएनजी कारों की इन्क्वायरी काफी बढ़ी है। पुरानी सीएनजी कारों के दाम में भी 15 से 20 प्रतिशत तक की तेजी आई है। आने वाले महीनों में यह मांग और बढ़ने की ही उम्मीद है।