देश में पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ा है। लोग बिना जोखिम को सोचे समझे क्रिप्टोकरेंसी के आकर्षक विज्ञापनों को देखकर बड़ी संख्या में क्रिप्टोकरंसी में निवेश कर रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए अब भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) ने क्रिप्टोकरंसी के विज्ञापन से जुड़े नियम बनाए है।

नए नियमों के तहत अब सभी विज्ञापनदाताओं को क्रिप्टो उत्पादों और नॉन फंजिबल टोकन जैसे डिजिटल एसेट्स पर डिस्क्लेमर देना होगा। डिस्क्लेमर में बताना होगा कि क्रिप्टो उत्पाद और नॉन फंजिबल टोकन जैसे डिजिटल एसेट्स ‘अत्यधिक जोखिम’ और ‘बिना नियमन वाले’ उत्पाद हैं। इस तरह के लेन देन में होने वाले नुकसान के लिए नियामक जिम्मेदार नहीं होगा। ये नई गाइडलाइंस 1 अप्रैल से सभी डिजिटल एसेट्स के विज्ञापनों पर लागू होगी।

प्रिंट या स्थिर विज्ञापन में विज्ञापन के नीचे का 1/5 हिस्सा डिस्क्लेमर के लिए समर्पित होना चाहिए। डिस्क्लेमर सादा बैकग्राउंड में आसानी से पढ़ा जा सकने वाला हो। जबकि वीडियो विज्ञापनों में डिस्क्लेमर विज्ञापन के अंत में सादा बैकग्राउंड में लिखा होना चाहिए। वीडियो विज्ञापन में अंत में डिस्क्लेमर के साथ वॉइस ओवर भी जरूर देना होगा।

विज्ञापनदाताओं को सोशल मीडिया पोस्ट में डिस्क्लेमर कैप्शन के साथ वीडियो और पिक्चर पोस्ट के साथ देना जरूरी होगा। सोशल मीडिया पर कैप्शन औरपोस्ट का शुरुआती हिस्सा डिस्क्लेमर के लिए समर्पित होना चाहिए। जबकि 24 घंटे के सोशल मीडिया स्टोरी विज्ञापन के अंत में वॉइस नोट के साथ डिस्क्लेमर देना होगा।

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने जोर देते हुए कहा कि विज्ञापन में करेंसी, सिक्योरिटी,कस्टोडियन और डिपाजिटर जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। विज्ञापन को देखकर ऐसा नहीं लगना चाहिए कि विज्ञापन किसी भी व्यक्ति की पैसे की समस्या को दूर कर सकता है। विज्ञापन भ्रामक और गारंटीड रिटर्न देने वाला भी नहीं होना चाहिए।

एसीसीआई के अध्यक्ष सुभाष कामथ ने कहा कि डिजिटल ऐसैट्स और सेवाओं के विज्ञापन के लिए दिशा और मार्गदर्शन की आवश्यकता है। यह निवेश का एक उभरता हुआ और नया तरीका है जिसमें लोग निवेश कर रहे हैं। ऐसे में सभी उपभोक्ताओं को इससे जुड़े जोखिम को समझते हुए ही निवेश करना चाहिए।

क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक भारत में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या 10 करोड़ से अधिक है। जिसमें बड़ी संख्या युवाओं की हैं। दुनिया में सबसे अधिक क्रिप्टोकरेंसी उपभोक्ता भारत में है।