कोरोना की दूसरी लहर का रियल एस्टेट सेक्टर पर बुरा असर पड़ा है। डेटा एनिलिटिक कंपनी प्रॉपइक्विटी ने शनिवार को एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर की वजह से अप्रैल से जून 2021 के दौरान देश के सात बड़े शहरों में घरों की बिक्री में 58 फीसदी की कमी आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही के दौरान देश के टॉप-7 शहरों में 45,208 रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी की बिक्री हुई है। जबकि जनवरी से मार्च के दौरान 1,08,420 प्रॉपर्टी की बिक्री हुई थी। कंपनी ने बया में कहा है कि अप्रैल और मई के दौरान देश में कोविड-19 की दूसरी लहर का बुरा असर पड़ा है। इस कारण रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी की बिक्री में भारी गिरावट आई है।
सख्त लॉकडाउन से प्रभावित रही बिक्री: रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के प्रमुख शहरों में सख्त लॉकडाउन ने घरों की बिक्री को प्रभावित किया है। लॉकडाउन के दौरान लोगों के घर खरीदने के लिए कराए रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिए थे। इस दौरन होम लोन का वितरण भी धीमा था। रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई महानगर क्षेत्र, दिल्ली-एनसीआर और पुणे में 2021 की दूसरी तिमाही में 2021 की पहली तिमाही की तुलना में घरों की बिक्री में क्रमश: 55 फीसदी, 59 फीसदी, 49 फीसदी, 57 फीसदी, 63 फीसदी, 43 फीसदी और 62 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
वार्षिक आधार पर वृद्धि: हालांकि, वार्षिक आधार पर इस तिमाही में 2020 की समान अवधि की तुलना में बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-जून 2021 तिमाही में देश के सात बड़े शहरों में हुई 45,208 इकाइयों की बिक्री हुई है। जबकि अप्रैल-जून 2020 में केवल 29,942 इकाइयों की बिक्री हुई थी। 2020 की तुलना में 2021 में 51 फीसदी ज्यादा बिक्री रही है।
मांग बढ़ाने के लिए ज्यादा ऑफर दे सकते हैं डेवलपर: प्रॉपइक्विटी की फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर समीर जसूजा का कहना है कि मार्च में रियल एस्टेट सेक्टर में धीमी रिकवरी दिख रही थी, लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर का इस पर बुरा असर पड़ा है। आने वाले समय में मांग बढ़ाने के लिए डेवलपर ज्यादा ऑफर दे सकते हैं। खासतौर पर त्योहारी सीजन में ज्यादा ऑफर आ सकते हैं।