हेल्थ और बेबी कॉस्मेटिक सामान बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ भारत में सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग कारखाना चलाने वाली थी। कंपनी ने हैदराबाद के पास 47 एकड़ में उत्पादन से जुड़े सारे संयत्र और सुविधाएं भी स्थापित कर दिए। लेकिन, पिछले तीन सालों से इसमें उत्पादन और लोगों की भर्तियां ठप है। रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) बिजनस प्रक्रिया ऑपरेशन सुचारू रूप से नहीं चलने के पीछे नोटबंदी को जिम्मेदार बताया जा रहा । सूत्रों के मुताबिक प्लाटं में काम नहीं हो पा रहा। बाजार में डिमांड नहीं होने से उत्पादन को नहीं बढ़ाया जा रहा।

भारत में J&J के बिजनस ऑपरेशन से जुड़े दो सूत्रों का कहना है कि तेलंगाना के पेनजेर्ला में स्थिति प्लांट में उत्पादन हो नहीं रहा है, क्योंकि बाजार में लगातार प्रॉडक्ट की मांग घटती जा रही है। इनमें से एक का कहना है कि 2016 में मोदी सरकार द्वारा एक के बाद दूसरा आश्चर्यचकित करने वाली नीतियों के लागू होने से उम्मीद के मुताबिक मांग नहीं बढ़ पाई। सरकार ने नोटंबदी कर दी और जीएसटी को लागू कर दिया।

रॉयटर्स का दावा है कि उसने सूत्रों की जानकारी के आधार पर जॉनसन एंड जॉनसन के प्रमुख अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया। वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय से भी संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पाया। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद सर्वे से पता चलता है कि पहले माह में शैंपू, साहू और अन्य कॉस्मेटिक्स के व्यापार में 20 फीसदी तक की गिरावट आई।

गौरतलब है कि इसी वर्ष अप्रैल महीने में जॉनसन एंड जॉनसन के भारत में मिलने वाले बेबी उत्पादों पर गंभीर प्रश्नचिन्ह उठाए गए थे। राजस्थान के जयपुर स्थित औषधि प्रयोगशाला ने कंपनी के बेबी शैंपू में फॉर्मलडिहाइड मिलने की बात कही थी। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के बिनाह पर एनसीपीसीआर (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने देश के सभी राज्यों को जॉनसन एंड जॉनसन बेबी शैंपू की बिक्री रोकने और इसके स्टॉक को हटाने के लिए कहा था। हालांकि, अपने आधिकारिक बयान में कंपनी ने हानिकारक केमिकल मिलने की बात से इनकार किया था।