बजट में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 60 फीसद कर लगाने के केंद्र सरकार केफैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कर को वापस लेने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि भाजपा सरकार का बजट गरीब व कर्मचारी विरोधी है और यह सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है। ईपीएफ पर कर लगाया जाना देश के उन छह करोड़ कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ धोखा है, जोकि ईपीएफ के तहत आते हैं।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ससंद भवन की ओर जाने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने जंतर-मंतर पर बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। माकन ने कहा कि मोदी सरकार ने गरीब की जेब पर डाका डाला है और काला धन रखने वाले लोगों की मदद करने की कोशिश की है। नौकरीपेशा व्यक्ति अपना गुजारा तनख्वाह से करता है। जब वह रिटायर होता है तो उसे बेटी की शादी या मकान बनाने के लिए पैसे की जरूरत होती है, इसलिए वह ईपीएफ में पैसा इकट्ठा करता है। ईपीएफ पर कर लगाने के सरकार के फैसले से यह साफ जाहिर होता है वह गरीब के खून-पसीने की कमाई का पैसा अमीर उद्योगपतियों को देना चाहती है।
माकन ने आगे कहा कि अगर इसी बजट सत्र में ईपीएफ पर लगाया गया कर का प्रावधान वापस नहीं लिया गया तो कांग्रेस कार्यकर्ता गली-गली व सड़कों पर जाकर इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और धरना देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में हम कर्मचारियों की इस लड़ाई को जीतकर ही रहेंगे। केंद्रीय बजट में प्रस्ताव है कि अगर कोई कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय पर ईपीएफ पर कर नहीं देना चाहता तो उसको ईपीएफ के 60 फीसद हिस्से को केंद्र सरकार की इच्छा के अनुसार पेंशन फंड के रूप में निवेश करना होगा। माकन ने आरोप लगाया कि यह सरकार सीधे-सीधे बीमा कंपनियों, खासकर निजी बीमा कंपनियों कोे फायदा पहुंचाना चाहती है।

