शेयर बाजार में पेटीएम का आईपीओ आने के बाद से ही कंपनी का शेयर लगातार खराब प्रदर्शन कर रहा है। जिसकी मार लगातार पेटीएम के निवेशकों पर पढ़ रही हैं। इस बार पेटीएम के दिसंबर तिमाही के नतीजे आए जिसने एक बार फिर निवेशकों को निराश किया हैं। दिसंबर तिमाही के नतीजों में कंपनी ने 778 करोड़ का घाटा दर्ज किया है जो पिछले साल की दिसंबर तिमाही के मुकाबले 46 प्रतिशत ज्यादा है।
अब कंपनी के इस प्रदर्शन पर पेटीएम के सीएफओ मधुर देवरा ने बिजनेस न्यूज वेबसाइट मनीकंट्रोल से बातचीत की है। बातचीत में उन्होंने कहा है कि साल दर साल हमारी मर्चेंट सर्विसेज 117 फ़ीसदी की दर से बढ़ी है। पिछले दो और तीन तिमाही के दौरान निवेशकों को हमारे ऊपर संदेह था क्योंकि हमारे पास उन्हें दिखाने के लिए डाटा नहीं था।
दिसंबर तिमाही में पेमेंट सर्विस की आय ही 1000 करोड़ रुपए से ऊपर रही है। आज भारत में किसी भी फाइंटेक कंपनी की आय 1000 करोड़ रुपए नहीं है। घाटा बढ़ने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि आईपीओ के समय सभी कंपनियों को एक एकाउंटिंग चार्ज देना पड़ता है जिसकी वजह से कंपनी का दिसंबर तिमाही का घाटा बढ़ा है।
Macquire ने घटाया टारगेट
दिग्गज ब्रोकरेज हाउस Macquire ने पेटीएम के शेयर को बेचने की सलाह दी है और ₹700 प्रति शेयर का टारगेट रखा है। Macquire का कहना है कि “पेटीएम के बिजनेस मॉडल में दिशा का अभाव है। उसके मुताबिक पेटीएम को मुनाफे वाले बिजनेस बनाना सबसे बड़ी चुनौती है।” इसके साथ Macquire ने मुताबिक आने वाले वर्षों (2022 – 2026) में पेटीएम के घाटे में 39-101% की वृद्धि हो सकती है।
आईपीओ के बाद से 50 प्रतिशत की गिरावट
पेटीएम भारतीय शेयर बाजार में 18 नवंबर को लिस्ट हुई थी। जिसके बाद से ही कंपनी के शेयरों में लगातार गिरावट का दौर जारी है। वर्तमान में कंपनी के शेयर 50 फ़ीसदी से अधिक लुढ़क चुका है। सोमवार को बंद हुए बाजार में पेटीएम का भाव 955 रुपए प्रति शेयर था।