केंद्रीय जांच ब्यूरो ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम में कथित तौर पर अनियमितता को लेकर ऑक्सफैम इंडिया और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले की शिकायत केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से की गई थी।
सीबीआई अफसरों ने बुधवार को बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन खत्म हो गया। इसके बावजूद उसने दूसरे माध्यमों से धन के लेनदेन के लिये गैरकानूनी तरीके अपनाए। एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन को लेकर दिल्ली में ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय में तलाशी ली।
शिकायत में कहा गया है कि संगठन ने सामाजिक गतिविधियों को करने के लिए एफसीआरए पंजीकरण प्राप्त किया था, लेकिन कमीशन के रूप में अपने सहयोगियों या कर्मचारियों के माध्यम से सीपीआर को किया गया भुगतान – पेशेवर या तकनीकी सेवाएं – इसके घोषित उद्देश्यों के अनुरूप नहीं है। इसमें आरोप लगाया गया, “यह एफसीआरए 2010 की धारा आठ और 12(4) का उल्लंघन है।”
शिकायत में आरोप लगाया गया है, “सीबीडीटी द्वारा आईटी सर्वेक्षण के दौरान मिले ईमेल से ऐसा प्रतीत होता है कि ऑक्सफैम इंडिया सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को अपने सहयोगियों/कर्मचारियों के माध्यम से दलाली के रूप में धन उपलब्ध करा रहा है। यह ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी परिलक्षित होता है जो वित्तीय वर्ष 2019-20 में सीपीआर को 12.71 लाख रुपये का भुगतान दर्शाता है।”