कोरोना के संकट ने दुनिया भर में बड़ी आर्थिक मंदी के हालात पैदा कर दिए हैं। ब्रिटेन में दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार ऐसा मौका आया है, जब कारों की सेल में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। अप्रैल के महीने में ब्रिटेन में कारों की सेल में 97 फीसदी की कमी देखने को मिली है। इससे पहले 1945 में समाप्त हुए दूसरे विश्व युद्ध के बाद फरवरी, 1946 में इस तरह के हालात पैदा हुए थे। कोरोना वायरस के संकट के चलते मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री और सेलिंग यूनिट्स के बंद होने के चलते ऐसा हुआ है। ब्रिटेन समेत लगभग समूचे यूरोप में ही मार्च के मध्य से लॉकडाउन के हालात हैं। इसके चलते तमाम कारोबार ठप हुए हैं और लोगों को अपने घरों में ही रहना पड़ा है।
ब्रिटेन की सोसायटी ऑफ मोटर मैन्युफैक्चरर्स ऐंड ट्रेडर्स के चीफ एग्जीक्युटिव माइक हावेस के मुताबिक मार्केट का इतना बुरा प्रदर्शन उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा। उनका कहना है कि लॉकडाउन के बाद भी इस सेक्टर को उबरने में लंबा वक्त लगेगा। ब्रिटेन में अप्रैल महीने में सिर्फ 4,321 नई कारों के लिए रजिस्ट्रेशन हुए हैं।
इससे पहले फरवरी, 1946 में ऐसे ही हालात थे, जब महज 4,044 नई कारों की ही खरीद हुई थी। तब युद्ध के बाद ब्रिटेन उबरने में जुटा था और अर्थव्यवस्था को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिशें की जा रही थीं। तत्कालीन लेबर पार्टी सरकार ने तब हालातों को संभालने की कोशिशें की थीं।
बता दें कि कोरोना के चलते पूरी दुनिया में ही मांग घटी है। भारत में सोने के आयात को लेकर भी इसी तरह का चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। अप्रैल के महीने में भारत में सिर्फ 50 किलो सोने का ही आयात हुआ है। बीते साल इसी महीने में 110.18 टन सोने का आयात किया गया था। सरकारी सूत्र ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि कीमतों के आधार पर देखें तो अप्रैल में सिर्फ 2.84 मिलियन डॉलर सोने का ही आयात किया गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 3.97 अरब डॉलर का था।
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