कोरोना संकट के चलते भले ही आर्थिक सुस्ती में इजाफा हुआ है, लेकिन भारत की बात करें तो मंदी का माहौल बीते कुछ सालों से ही देखने को मिल रहा था। इसके चलते लोगों की आमदनी और नौकरियों पर भी बड़ा असर पड़ा है। यही नहीं मंदी के इस माहौल का असर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर भी पड़ रहा है। दरअसल ग्राहक प्रीमियम हैचबैक और सिडान की बजाए छोटी और सस्ती कारें खरीद रहे हैं। इसका असर कार कंपनियों पर भी पड़ रहा है। छोटी कारों की खरीदारी के कारण कार कंपनियों का प्रति व्हीकल रिवेन्यू घटा है। कार कंपनियों के रिवेन्यू ब्रेकअप से यह भी पता लग रहा है कि अब ग्राहक जल्द कार नहीं बदल रहे हैं, जिसके कारण बाजार में स्पेयर पार्ट्स और व्हीकल सर्विसिंग का रिवेन्यू तेजी से बढ़ रहा है।
पिछले 3 सालों में मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर्स, होंडा कार की औसतन बिक्री में गिरावट आई है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री में वर्ष 2017 से वित्त वर्ष 2019 तक 11 पर्सेंट की गिरावट आई है। मारुति ने वित्त वर्ष 2019 में हर वाहन पर औसतन 3.97 लाख रुपए कमाए हैं जबकि वित्त वर्ष 2017 में उसने हर वाहन पर औसतन 4.43 लाख रुपए कमाए थे। इसी दौरान हुंडई मोटर्स की बिक्री में 14.2 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली। वित्त वर्ष 2019-20 में मारुति सुजुकी की कॉन्पैक्ट कारों में ईयर ऑन ईयर बेसिस के आधार पर 17 फीसदी की गिरावट देखने को मिली । जबकि सिडान कारों में बिक्री में 45.3 पर्सेंट की गिरावट आई है।
कोरोनावायरस की मंदी के कारण ग्राहक बड़ी कारों से और दूरी बना रहे हैं। इस दौरान मारुति सुजुकी की सिडान कारों की बिक्री में 67 फ़ीसदी की गिरावट आई है मिनी कारों की बिक्री 23.1 फ़ीसदी की गिरावट देखने को मिली है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ सालों में कॉम्पैक्ट हैचबैक की सेल प्रीमियम कारों के मुकाबले तेजी से बढ़ी है। जिसका असर कार कंपनियों के राजस्व पर भी पड़ा है।
जिनेश गांधी ने शहरी क्षेत्रों में लो इनकम ग्रोथ, नौकरी की चुनौतियों को इसका अहम कारण बताया। इस वजह से पिछले कुछ समय से कारों की बिक्री में लगातार हो रही बढ़ोतरी बढ़ोतरी भी रूकी है।
मारुति सुजुकी की कारों की बिक्री में 2009-10 से 2016-17 के दौरान 6.2 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस वज़ह से मारूति सुजुकी की कार बिक्री पर औसतन आमदनी 2.91 लाख प्रति व्हीकल से बढ़कर 4.43 लाख प्रति व्हीकल हो गई। इसी दौरान हुंडई के कंपाउंड एनुअल रेट में 6.9 परसेंट की बढ़ोतरी देखने को मिली थी।