Rahul Bajaj History & Biography: देश के दिग्गज उद्योगपतियों का जब भी जिक्र होता है तो बजाज समूह के चेयरमैन राहुल बजाज का नाम आना लाजमी है। हाल के दिनों में अपने बयानों से सुर्खियों में आए राहुल बजाज ने Indian Airlines से लेकर पारिवारिक व्यवसाय Bajaj Auto तक को नई रफ्तार दी है। राहुल बजाज ने ही इस देश को सबसे पहले घरेलु स्कूटर Chetak से सफर कराया, जिसकी धुन ‘…हमारा…बजाज’ आज दशकों बाद भी करोड़ों भारतीयों के जेहन में जिंदा है। तो आइये जानते हैं राहुल बजाज की संघर्षो के दौर में भी अडिग रहने की कहानी —
राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को एक मारवाड़ी परिवार में बंगाल प्रेसिडेंसी (आजादी से पहले का पश्चिम बंगाल) में हुआ था। राहुल बजाज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाजसेवी जमनालाल बजाज के पोते हैं। बचपन से ही व्यवसायिक परिवार से ताल्लूक रखने वाले राहुल बजाज के रगो में भी बिजनेस ही दौड़ता था।
अपने शुरूआती दिनों में राहुल बजाज ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक में ऑनर्स किया। इसके बाद, उन्होंने तत्कालीन बॉम्बे विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और प्रसिद्ध हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, बोस्टन (USA) से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नाकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। कॉलेज टाइम से राहुल मेधावी छात्र रहें और शुरू से ही उनका झुकाव बिजनेस के तरफ रहा।
जब मिली Bajaj की कमान: अपना एमबीए को पूरा करने के बाद, राहुल बजाज को पहली बड़ी जिम्मेदारी 1968 में बजाज ऑटो समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में मिली। बहुत महत्वाकांक्षी और सरल होने के नाते, राहुल बजाज ने छोटी सी ऑटो कंपनी को विश्व स्तर पर लाकर खड़ा कर दिया। उनके नेतृत्व में, बजाज समूह ने तेजी से ग्रोथ की और महज एक दशक में ही कंपनी का टर्नओवर अरबों डॉलर का हो गया।
Bajaj को मिली Chetak की रफ्तार: वर्ष 1972 में बजाज ऑटो ने देश में अपने चेतक स्कूटर को लांच किया। इस स्कूटर ने बाजार में आते ही धूम मचा दी थी और देश के कई युवाओं की पहली पसंद बन चुकी थी। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि उस दौर में इस स्कूटर का वेटिंग परियड 4 से 5 सालों का था। बजाज का सबसे लोकप्रिय प्रोडक्ट चेतक अब देश में स्कूटर का पर्यायवाची बन चुका था। एक बार फिर से कंपनी अपने इस स्कूटर को इलेक्ट्रिक अवतार में लांच करने जा रही है।
नई शताब्दी के शुरु होते ही देश में मंदी का दौर भी शुरू हो गया। देश के शेयर बाजार में तेजी गिरावट हो रही थी लेकिन बावजूद इसके बजाज समूह मजबुती से टिका हुआ था। एक तरफ जापानी वाहन निर्माता कंपनी होंडा के बाजार में आने के बाद प्रतिद्वंदिता बढ़ चुकी थी। दूसरी ओर लोगों का रूझान पर भी स्कूटरों के बजाय बाइक्स की तरफ तेजी से बढ़ रहा था।
ऐसे समय में बजाज ने चाकन में एक नए प्लांट की शुरुआत की और देश में अपनी पहली दमदार इंजन क्षमता से लैस Bajaj Pulsar को लांच किया। तकबरीन 19 सालों से भारतीय सड़कों पर दौड़ने वाली पल्सर आज भी युवाओं की पहली पसंद है। कंपनी आज के समय में अकेले पल्सर रेंज में 9 मॉडल्स की बिक्री करती है। जो कि अलग अलग इंजन क्षमता और तकनीकी से लैस हैं।
राहुल बजाज ने अपनी कंपनी को केवल ऑटोमोबाइल सेक्टर तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि अपने समूह को कई अन्य सेक्टर में भी फैलाया। बजाज होम अपलायंसेज, बजाज फाइनेंस, बजाज अलाइंज, बजाज इलेक्ट्रिकल्स, बजाज इंश्योरेंस, मुकुंद इंजीनियर्स, मुकंड प्राइवेट लिमिटेड इत्यादि जैसी कई कंपनियां इस समूह का हिस्सा हैं।
इंडियन एयरलाइंस को भी दी सेवा: इसमें कोई दो राय नहीं है कि राहुल बजाज बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्होनें भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष के रूप में दो बार अपनी सेवाएं दीं। इसके अलावा सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के प्रेसिडेंट की भी भूमिका निभाई। इसके अलावा वो ऑटोमोबाइल्स एंड एलाइड इंडस्ट्रीज के लिए विकास परिषद के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वर्ष 1986 से लेकर 1989 तक वो तत्कालिन इंडियन एयरलाइंस के चेयरमैन भी रह चुके हैं।
इतना ही नहीं वर्ष 2003 से लेकर 2006 तक राहुल बजाज IIT बॉम्बे के बोर्ड ऑफ गर्वनर्स के साथ अध्यक्ष भी रहें। इसके अलावा इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल ऑफ वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड और इंटरनेशनल एडवाइजरी काउंसिल, ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन, वाशिंगटन डीसी के साथ फेलोशिप में भी शामिल रहें। वर्ष 2001 में राहुल बजाज को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आपको बता दें कि, Forbes की सूची के अनुसार राहुल बजाज बतौर बजाज समूह के चेयरमैन आज देश के 11वें सबसे धनी व्यक्ति हैं। आज के समय में इनका नेट वर्थ 9.2 बिलियन है। राहुल के बेटे राजीव बजाज अब कंपनी के प्रबंध निदेशक के तौर पर कंपनी को आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं।