भारत में वाहन खरीदते वक्त मोटर इंश्योरेंस डीलरशिप द्वारा साथ में दिया जाता है, जिसे अनिवार्य बताकर ग्राहकों से मनमानी रकम वसूली जाती हैं। हाल ही में कई ऐसे किस्से सामने आए हैं। जिसमें डीलर्स की इस मनमानी पर लोगों ने नाराजगी जताई है।
देश में लागू कानून के अनुसार भारतीय सड़कों पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए मोटर थर्ड-पार्टी बीमा अनिवार्य है। लेकिन कहीं भी यह प्रवाधान नहीं है कि बीमा आप ऑटोमोबाइल फर्मों से वाहन को खरीदते समय ही खरीदें। अक्सर डीलर वाहन को बेचते समय उसमें मोटर पॉलिसी की रकम को भी जोड़ते हैं और बीमे की रकम को जोड़कर ग्राहक के साथ सौदेबाजी भी करते हैं।
फिलहाल कुछ ग्राहकों के शिकायत करने के बाद ऐसे वाहन डीलर्स की जांच की जा रही है, जो ग्राहक को वाहन के साथ बीमा खरीदने के लिए फोर्स करते हैं। IRDAI ने इसके बारे में कुछ समय पहले कहा था कि कोई भी मोटर बीमा कंपनी या बीमा मध्यस्थ कंपनी OEM के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता है।
हालांकि ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं, जिनमें डीलर्स ने ग्राहकों को न सिर्फ उनसे मोटर पॉलिसी खरीदने के लिए बाध्य किया है। बल्कि ऐसा ना करने पर वाहन की कीमत को बढ़ा दिया गया है। अगर आप भी कोई वाहन खरीदते हें और आपके साथ डीलर मोटर इंश्योरेंस को लेकर किसी तरह का जोर डालता है। तो ध्यान रहे आप उनसे वाहन के साथ बीमा खरीदने को लेकर बाध्य नहीं है। और ऐसा किसा भी तरह का कोई कानून नहीं है। जो इसे बढ़ावा देने के लिए बनाया गया हो।