कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान उठाना पड़ रहा है। भारत में भी कई औद्योगिक क्षेत्रों को तगड़ा झटका लगा है पर कुछ सेक्टर्स को कोरोना महामारी का फायदा होता भी दिख रहा है। कोरोना काल में भारत में पुरानी गाड़ियों की मांग बढ़ी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ढुलमुल आर्थिक हालात, घटती बचत पुरानी कारों की बढ़ती मांग के पीछे एक अहम कारण है।
इसके अलावा एक्सपर्ट मान रहे हैं कोरोनावायरस के कारण लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करने से बच रहे हैं, इस वज़ह से भी पुरानी कारों की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
पुरानी कारों को बेचने वाली चर्चित वेबसाइट OLX इंडिया के अनुसार उसके प्लेटफार्म पर इस साल अगस्त में यूज्ड कारों की डिमांड इस साल फरवरी के मुकाबले 133 फीसदी ज्यादा रही। हालांकि सप्लाई ग्रोथ सिर्फ 112 फ़ीसदी ही रही। OLX इंडिया के अनुसार महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक यूज्ड लग्जरी कार की लिस्ट में ऊपर रहे। अगर आप भी पुरानी कार खरीदने जा रहे हैं तो डील फाइनल करने के बाद ये जरूरी कागजी काम निपटाना ना भूलें…
रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर का रखें ध्यान: पुरानी कार की डील के बाद सबसे पहले तो ओरिजिनल मालिक से अपने नाम पर रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराएं। इसके लिए आपको Form-28, Form-29, Form-30 और सेल्स एफिडेविट की जरूरत पड़ेगी।
तैयार रखें ये दस्तावेज: इन फार्म के अलावा आरसी ट्रांसफर करवाने के लिए आपको आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और कुछ पासपोर्ट साइज फोटो की भी जरूरत पड़ेगी। ट्रांजैक्शन डॉक्यूमेंटेशन में डिलीवरी नोट, इनवॉइस, बुकिंग ऑर्डर फॉर्म, पेमेंट रिसिप्ट आदि भी होते हैं।
इंश्योरेंस का भी कराएं ट्रांसफर: रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) अपने नाम ट्रांसफर कराने के बाद इंश्योरेंस कंपनी से वाहन का इंश्योरेंस अपने नाम पर जरूर करवा लें। अगर आरसी आपके नाम पर ट्रांसफर हो गई है और इंश्योरेंस ट्रांसफर नहीं हुआ है, तो इंश्योरेंस कंपनी से आपको कोई क्लेम नहीं मिलेगा।
PUC सर्टिफिकेट भी है जरूरी: पुरानी कार खरीदने के बाद PUC सर्टिफिकेट जरूर ले लें। PUC सर्टिफिकेट की वेलिडिटी तीन से छ: महीने की होती है। उसके बाद आपको फिर से PUC सर्टिफिकेट को रिन्यू करवाना पड़ेगा। आप किसी भी नजदीकी फ्यूल स्टेशन से PUC सर्टिफिकेट ले सकते हैं।